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बुधवार दोपहर को थाईलैंड के छह पर्यटकों का ग्रुप ताज पहुंचा, जिनमें से तीन पर्यटकों ने पारंपरिक पोशाक, मेटल के मुखौटे और मुकुट लगा रखे थे। तीनों पर्यटक थाईलैंड के नृत्य की शूटिंग करना चाहते थे। शूटिंग की अनुमति न होने के कारण उन्हें मुखौटों को लॉकर में रखने को कहा गया। पर्यटकों के पास पीतल की मछली जैसी दिख रहे मुकुट और मुखौटों पर सीआईएसएफ के जवानों ने जांच के दौरान आपत्ति जताई। इस दौरान पर्यटकों का वीडियो एक पर्यटक ने बना लिया।
सीआईएसएफ जवानों द्वारा रोकने पर पर्यटक वीडियो बनाने के लिए दशहरा घाट चले गए, जहां उन्होंने पारंपरिक ड्रेस के साथ नृत्य के वीडियो शूट किए। ताज में शूटिंग के लिए पूर्व में अनुमति लेनी होती है और शूटिंग शुल्क चुकाने के साथ केवल रॉयल गेट के रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म तक ही जाने की अनुमति होती है।
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने कहा कि पारंपरिक पोशाक पर कोई आपत्ति नहीं थी। केवल मुखौटों और मेटल के मुकुट के साथ अंदर जाने से रोका गया। लॉकर में रखने के लिए कहा गया था। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक होने केकारण कोई ऐसा संदेश न चला जाए, जिस पर आपत्ति उठे, इसलिए रोका गया। पोशाक के साथ प्रवेश पर कोई मनाही नहीं है।
26 अप्रैल को अयोध्या के संत जगतगुरु परमहंसाचार्य ताजमहल देखने आए थे, लेकिन उन्हें ब्रह्मदंड के साथ प्रवेश से इनकार कर दिया गया था। उन्हें भी ब्रह्मदंड को लॉकर में रखकर प्रवेश की अनुमति दी गई थी
संत जगतगुरु परमहंसाचार्य ने इस पर आपत्ति जताते हुए विवाद किया और दोबारा ताजमहल जाने का एलान कर दिया था। बता दें कि ताजमहल में प्रवेश के लिए वस्तुओं की अनुमम्य और निषिद्ध सूची तय है।
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