Taj Mahal: हंगामे के कारण पेश नहीं हुआ ताजमहल का नाम बदलने का प्रस्ताव, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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ताजमहल का नाम बदलकर तेजोमहालय करने का भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर का प्रस्ताव नगर निगम सदन के अधिवेशन में पेश नहीं हो पाया। जगदीशपुरा में बौद्ध स्तूप के गेट के निर्माण को लेकर भाजपा और बसपा के पार्षदों के बीच जमकर तकरार हुई, जिस पर 20 मिनट तक नारेबाजी और जोरदार हंगामा होता रहा। भारी शोरगुल और हंगामे के बीच मेयर नवीन जैन ने अधिवेशन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। यह प्रस्ताव अब मेयर द्वारा तय की गई अधिवेशन की नई तारीख पर पेश किया जाएगा।

बुधवार दोपहर 3.15 बजे नगर निगम सदन का अधिवेशन मेयर नवीन जैन की अध्यक्षता में शुरू हुआ। अधिवेशन शुरू होते ही नगर निगम कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उनके शोर के बीच प्रश्नकाल शुरू हुआ, जिसमें पार्षदों द्वारा लगाए गए 11 सवालों के जबाव अधिकारियों ने दिए। इसके बाद जैसे ही सदन में प्रस्ताव पेश किये गए, तीन प्रस्तावों के बाद हंगामा हो गया। चौथा प्रस्ताव जगदीशपुरा में डॉ. आंबेडकर पार्क तिराहे पर बौद्ध स्तूप गेट बनाने का था, जिस पर भाजपा पार्षदों ने गेट बनने पर रास्ता सकरा होने और जांच के लिए कमेटी की मांग की। 

भाजपा पार्षदों को बताया दलित विरोध 

इसी पर बसपा पार्षद महेश कुमार संवेदी ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा पार्षदों को दलित विरोधी बताते हुए दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई। जयश्रीराम के नारों के जवाब में जय भीम के नारे गूंजने लगे। इस बीच बसपा, सपा और निर्दलीय पार्षद धरने पर मेयर के आसन के सामने बैठ गए। मेयर और नगर आयुक्त ने समझाया, लेकिन कुछ देर के बाद मेयर नवीन जैन ने हंगामा देखते हुए सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। 
 

 

 

ताज के नाम बदलने के प्रस्ताव पर विधायक भी आए

नगर निगम सदन के अधिवेशन में भाजपा के छावनी क्षेत्र के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश भी पहुंचे थे। ताजमहल, ताजगंज उन्हीं के क्षेत्र में आता है। ताज का नाम बदलकर तेजोमहालय करने के प्रस्ताव को हंगामे के कारण पेश न कर सके पार्षद शोभाराम राठौर ने कहा कि जब भी सदन का अधिवेशन होगा, तब वह प्रस्ताव रखेंगे। यह हमारी पहचान का मामला है। सदन जो चाहे फैसला करे, वह प्रस्ताव जरूर पढ़ेंगे।

तेजोमहालय के प्रस्ताव पर पार्षद का हुआ सम्मान

ताजगंज के भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर द्वारा ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने के प्रस्ताव को अधिवेशन में रखने के लिए हिंदूवादी संगठनों ने सदन शुरू होने से पहले उनका सम्मान किया। फूल मालाओं से सदन के गेट पर ही उन्हें लाद दिया गया। मालाओं से ढके भाजपा पार्षद जब अधिवेशन में पहुंचे तो कांग्रेस पार्षद शिरोमणि सिंह ने इसका विरोध किया और कहा कि ताजमहल केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है, इसलिए इसके नाम के साथ कोई बदलाव नगर निगम नहीं कर सकता। 

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विस्तार

ताजमहल का नाम बदलकर तेजोमहालय करने का भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर का प्रस्ताव नगर निगम सदन के अधिवेशन में पेश नहीं हो पाया। जगदीशपुरा में बौद्ध स्तूप के गेट के निर्माण को लेकर भाजपा और बसपा के पार्षदों के बीच जमकर तकरार हुई, जिस पर 20 मिनट तक नारेबाजी और जोरदार हंगामा होता रहा। भारी शोरगुल और हंगामे के बीच मेयर नवीन जैन ने अधिवेशन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। यह प्रस्ताव अब मेयर द्वारा तय की गई अधिवेशन की नई तारीख पर पेश किया जाएगा।

बुधवार दोपहर 3.15 बजे नगर निगम सदन का अधिवेशन मेयर नवीन जैन की अध्यक्षता में शुरू हुआ। अधिवेशन शुरू होते ही नगर निगम कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उनके शोर के बीच प्रश्नकाल शुरू हुआ, जिसमें पार्षदों द्वारा लगाए गए 11 सवालों के जबाव अधिकारियों ने दिए। इसके बाद जैसे ही सदन में प्रस्ताव पेश किये गए, तीन प्रस्तावों के बाद हंगामा हो गया। चौथा प्रस्ताव जगदीशपुरा में डॉ. आंबेडकर पार्क तिराहे पर बौद्ध स्तूप गेट बनाने का था, जिस पर भाजपा पार्षदों ने गेट बनने पर रास्ता सकरा होने और जांच के लिए कमेटी की मांग की। 

भाजपा पार्षदों को बताया दलित विरोध 

इसी पर बसपा पार्षद महेश कुमार संवेदी ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा पार्षदों को दलित विरोधी बताते हुए दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई। जयश्रीराम के नारों के जवाब में जय भीम के नारे गूंजने लगे। इस बीच बसपा, सपा और निर्दलीय पार्षद धरने पर मेयर के आसन के सामने बैठ गए। मेयर और नगर आयुक्त ने समझाया, लेकिन कुछ देर के बाद मेयर नवीन जैन ने हंगामा देखते हुए सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। 

 

 

 

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