Tanzil Murder: बिना प्लानिंग के वारदात को अंजाम देता था मुनीर, फांसी की सजा और मौत की तारीख का बना अजब संयोग

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एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना हत्याकांड को अंजाम देने वाले बिजनौर के दुर्दांत अपराधी मुनीर मेहताब का शव मंगलवार को उसके गांव के ही कब्रिस्तान में सुपर्द-ए-खाक कर दिया गया। मुनीर कहने को 12वीं फेल था, लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग को अपराध की दुनिया में ऐसा इस्तेमाल किया कि यूपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देकर पुलिस की चकरघिन्नी बनाए रखी। 

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महज 25 साल की उम्र में जरायम की दुनिया में नाम कमाने वाले मुनीर की सोमवार को सोनभद्र जेल में मौत हुई तो अपराध की दुनिया से जुड़े लोगों में उसकी चर्चा रही। मुनीर के आखिरी वक्त पर उसके साथ उसकी बहन रही, जो उसके शव के साथ ही मंगलवार को सहसपुर गांव पहुंची। वहीं मुनीर के शव की आखिरी झलक देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या में कोर्ट ने मुनीर को फांसी सुनाई थी। फांसी की सजा के बाद से मुनीर सोनभद्र जेल में बंद था। जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद मुनीर को जिला अस्पताल और फिर बीएचयू में भर्ती कराया गया।

सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुनीर के मौत के बाद उसकी मां और बहन डॉ. सिदरा बनारस से उसका शव दोपहर 2:55 मिनट पर लेकर घर पहुंचीं। मुनीर के शव के इंतजार में सुबह से ही घर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। तंजील हत्याकांड के बाद से सुर्खियों में आए मुनीर को देखने के लिए काफी भीड़ पहुंची। मंगलवार को मुनीर के शव को जनाजे की नमाज के बाद करीब साढ़े चार बजे सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

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मुनीर ने खुद स्वीकारा था जुर्म

मुनीर ने पूछताछ में खुलासा किया कि एके-47 खरीदने के मकसद से उसने बिजनौर में 90 लाख रुपया लूटा था। इस बात की भनक तंजील को लग गई और वह उसकी राह का रोड़ा बनता दिख रहा था। इसलिए तंजील को ही मार दिया। मुनीर दक्षिण भारतीय फिल्म गोलमार के मुख्य किरदार के अंदाज में बताता है कि हत्या की वारदात के बाद जो भी उसके रास्ते में आता, उसे गोली जरूर मारता।

बिना प्लान के रकम-हथियार दिखते ही करता लूट

मुनीर ने यह भी खुलासा किया कि वह वारदातों को अंजाम देने के लिए पहले से कोई प्लानिंग नहीं करता था। जब मूड होता रकम और हथियार लूट लेता था। अलीगढ़ पुलिस के सामने उसने स्वीकारा था कि वह किसी घटना को अंजाम देने के लिए पहले कभी कोई प्लानिंग नहीं की थी। बस उसे हथियारों और रकम होने की सूचना मिल जाए तो यूं ही घटना कर डालता था।

और भी कईं अपराधों में था हाथ

मुनीर ने 29 नवंबर 2014 को दिल्ली में कैश वैन से डेढ़ करोड़ रुपये लूटने के साथ गार्ड की हत्या कर दी थी। 2013 में उसने अलीगढ़ में एक ठेकेदार को गोली मारकर रिवॉल्वर और 2014 में अलीगढ़ में जीआरपी के सिपाही को गोली मारकर पिस्टल छीनी थी। उसने धामपुर में गार्ड को गोली मारकर वैन से 91 लाख रुपये भी लूटे थे।

 



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