द्वितीय दिवस की कथा में पहुंचे राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी
हज़ारों श्रद्धालुओं ने सुनी पावन भागवत कथा
महाराज जी ने कहा – यदि तुम्हारी वजह से तुम्हारी माँ की आँखों में एक भी आँसू आया तो तुम जीवन में कभी मुस्कुरा नहीं सकते
अक्षत टाइम्स संवाददाता, उन्नाव। अगर तुम्हारी वजह से तुम्हारी माँ की आँखों में एक भी आँसू आया तो तुम जीवन में कभी मुस्कुरा नहीं सकते, खुशियां कभी तुम्हारे घर पर नहीं आएँगी। यह संदेश देते हुए पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुर जी ने श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरूआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की। सभी भक्तगणों को तेरी बिगड़ी बना देगी चरण रज राधा प्यारी की भजन श्रवण कराया। मुख्य अतिथि के रूप में राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी, उन्नाव सदर विधायक पंकज गुप्ता, रश्मि गुप्ता, नवीन चौरसिया, अरविन्द सिंह, शशिकांत मिश्रा, सुधांशु पांडेय, मोनिका सिंह, ममता सिंह, शोभा पांडेय ने पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष संजय राठी, सचिव अरविन्द, चंद्र प्रकाश, जगदीश महेश्वरी ने पूज्य महाराज श्री को सम्मानित किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। आप जिस मनोरथ के साथ भागवत सुनते है, आपका वो मनोरथ अवश्य सिद्ध होता है। कथा को पूर्ण समर्पण भाव से सुनने पर ही कल्याण होता है। जिस प्रकार विषपान करने पर मृत्यु निश्चित है, जिस प्रकार अमृतपान करने पर अमृतत्व निश्चित है उसी प्रकार श्रीमद् भागवत कथा सुनने पर आपका जो भी संकल्प है वो संकल्प पूर्ण होना भी निश्चित है। विश्व शांति सेवा समिति उन्नाव के सचिव जी एस भदौरिया, कोषाध्यक्ष सरदार जसमीत सिंह, संयुक्त मंत्री व मीडिया प्रभारी डॉ मनीष सिंह सेंगर, उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता, नितिन सक्सेना, दीपक सिंह आदि व्यवस्था में रहे।
भगवान को होती है अपने भक्त की चिंता
जिस प्रकार अपनी संतान की चिंता माँ बाप को होती है उसी प्रकार हम सब की चिंता भगवान को होती है। जब भी हम अपने जीवन ऐसा कुछ करते है जिससे हमारे जीवन में विपत्ति, कष्ट आने लगते है तो हमसे ज्यादा चिंता हमारे माता पिता को होती है। उसी प्रकार भगवान को भी हम सब की चिंता है। माता पिता सिर्फ हमारी इस जन्म की चिंता करते है लेकिन भगवान को हमारे हर जन्म की चिंता है।
संतों के सानिध्य में जाने से काम, क्रोध, लोभ, मोह होता है दूर
भगवान् ने तुम्हें जो जीवन दिया है वो कल्याण के लिए दिया है इसीलिए अपनी तुच्छ इच्छाओं में मत डूबो। संतों के सानिध्य में जाने से काम, क्रोध, लोभ, मोह सब दूर हो जाता है।
अपने माता पिता की कीमत को पहचानो
जो बच्चे कहते है हमारे माँ बाप ने हमारे लिए किया ही क्या है तो बच्चों को सोचना चाहिए कि तुम्हारी पढ़ाई पर उन्होंने लाखों रुपए खर्च कर दिए, तुम्हें तुम्हारी पसंद का खाना खिलाया, उँगली पकड़कर पैदल चलना सिखाया, तुम्हारे नंगे तन को उन्होंने कपड़ों से ढका है। बहुत आसान है अपने माँ बाप से कह देना कि तुमने हमारे लिए किया ही क्या है लेकिन याद रखना जिस दिन तुम्हारा बेटा बड़ा होकर तुमसे ये बात कहेगा तब तुम्हें अपने माता पिता की कीमत समझ आएगी।
जीवन में तीन लोगों पर कभी भी नहीं करना चाहिए संदेह
जीवन 3 लोगों पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए – भगवान, गुरु और माता पिता। क्यूंकि ये तीनों लोग ही ऐसे हैं जिनमें साक्षात् भगवान का रूप होता है। जो मनुष्य भगवान, गुरु और माता पिता के बारे में इतना सोच ले कि ये उचित है या अनुचित है, इतने पर ही पाप लग जाता है।
घर में खुशियां लाने के लिए मां की करो सेवा
माँ अपनी संतान को 9 महीने तक अपने गर्भ में पालती है। माँ तब नहीं टूटती जब वो अपने बच्चे को 9 महीने गर्भ में धारण करती है। माँ तब टूटती है जब बच्चा बड़ा होकर अपनी पत्नी के साथ माँ को छोड़ कर चला जाता है और माँ से कहता है मैं आपके साथ नहीं रह सकता हूँ। उस दिन माँ टूट जाती है। वो माँ जिसे बड़े से बड़ा दुःख न हिला पाया हो, उसे उसकी संतान पूर्णरूप से तोड़ देती है। अगर तुम्हारी वजह से तुम्हारी माँ की आँखों में एक भी आँसू आया तो तुम जीवन में कभी भी मुस्कुरा नहीं सकते। खुशियां तुम्हारे घर पर आना बंद कर देंगी।
काल नहीं मां के लाल बनो
आज कल माँ के गर्भ से लाल नहीं काल जन्म ले रहे है। जिसके कारण किसी भी माँ बहन को असुरक्षित महसूस हो, जिसके कारण समाज में तनाव हो, जिसके कारण लोग डरते हो तो वो लाल नहीं बल्कि काल ही है। और जिसके कारण लोगों के चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है, जिससे मिलने के लिए सब भागे चले आते हो तो उस माँ को गर्व करना चाहिए कि मैंने लाल पैदा किया है।
भगवान से मिलने का एक मात्र मार्ग है गुरु
जो लोग साधुओं के सानिध्य में रहते है और उनकी सेवा करते है उससे आपकी भक्ति बहुत आगे जाती है। गुरु की भगवान से मिलने का एक मात्र मार्ग है।