अक्षत टाइम्स संवाददाता, लखनऊ, 29 सितंबर। कृषि को समय के साथ टेक्नोलॉजी और नए तरीकों से जोड़कर किसानो को समृद्ध बनाने व स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आमदनी में इजाफा करने के उद्देश्य से मनरेगा के अभिसरण से प्रदेश में प्रत्येक जिले में दो हाइटेक नर्सरी बनाये जाने का कार्य उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन से कृषि और औद्यानिक फसलों को नये पंख लगेंगे। इसमें विशेष तकनीक का प्रयोग करके विभिन्न प्रजातियां के पौधों की नर्सरी तैयार की जा रही है। कहा कि सरकार की मंशा है,और इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध भी है कि प्रदेश का हर किसान समृद्ध बने और बदलते समय के साथ किसान हाईटेक भी बन सके। जिसको लेकर किसानो को कई ऐसी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसानो का फायदा भी हो और उसको हाईटेक भी बनाया जा सके।
हाईटेक नर्सरी के द्वारा किसानों को खेती के साथ-साथ बागवानी के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य है की उन्नत नर्सरी से किसानों की आय में वृद्धि करना, उन्नत किस्म के पौधों को बढ़ावा देना, बागवानी क्षेत्र में रोजगार सृजन करना है।
प्रत्येक नर्सरी मे 15 लाख पौधे तैयार किये जाने का लक्ष्य है। यही पौधे किसान ले सकेंगे, जिससे उनकी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और आय में वृद्धि होगी। हाईटेक नर्सरी की देख-रेख का जिम्मा स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपा जा रहा है। इससे महिलाओं को भी आमदनी का जरिया मिल रहा है।हाईटेक नर्सरी योजना से किसानों को नयी टेक्नोलॉजी से तैयार पौधों को प्राप्त होने अवसर मिल रहा है, जो आसानी से बाजारों में उपलब्ध नहीं हो पाते और उनके दाम भी अधिक होते हैं।
किसान नर्सरी से उत्तम पौध प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी पैदावार अच्छी होगी और आय में वृद्धि होगी। वहीं, सरकार की कोशिश है किसानों के लिए नर्सरी में हाईटेक टेक्नॉलाजी के द्वारा हर सीजन की सब्जियों की पौध तैयार करने का प्लान है। इस योजना से किसानों को तो लाभ मिलेगा ही साथ ही इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और रोजगार के अवसर भी प्रदेश में बढ़ेंगे।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश मे 150 हाईटेक नर्सरी के निर्माण की कार्यवाही उद्यान एवं मनरेगा कन्वर्जेंस के अंतर्गत की जा रही है, जिसके सापेक्ष अभी तक कुल 125 हाईटेक नर्सरी की स्वीकृति जनपद स्तर पर की जा चुकी है। जिसमें 27 साइटें, जो कि 22 जनपदों में है, पर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है इसके अतिरिक्त दो हाइटेक नर्सरियों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जो कि बुलंदशहर में स्थापित हैं। निर्देश दिए गए हैं कि हाइटेक नर्सरी का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप इजराइली तकनीक के अनुसार ही किया जाय, इसके लिए सम्बंधित अधिकारी कार्यो की लगातार निगरानी करते रहे।
योजनान्तर्गत निर्मित हाइटेक नर्सरी का रख-रखाव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के क्लस्टर लेविल फेडरेशन के माध्यम से किया जायेगा। महात्मा गाँधी नरेगा योजना एवं उद्यान विभाग के तकनीकी सहयोग व मार्ग-दर्शन में हाइटेक नर्सरी का कार्य हो रहा है। योजनान्तर्गत स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों एवं आस पास के क्षेत्रों में मांग के अनुसार नर्सरी के निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं। योजनान्तर्गत निर्मित हाइटेक नर्सरी से उत्पादित पौधों का विक्रय स्थानीय स्तर पर इच्छुक कृषकों, क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों, राज्य स्तर पर अन्य प्राइवेट नर्सरियों, राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्य सरकारों के वृक्षारोपण हेतु तथा अन्य राज्यों के इच्छुक कृषक व कृषक संगठनों को किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिए हैं कि हाईटेक नर्सरी में स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।