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Umesh Pal Hatyakand
– फोटो : अमर उजाला
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प्रयागराज के कौंधियारा थाना इलाके के भगोकर गांव का रहने वाला विजय चौधरी उर्फ उस्मान 24 फरवरी को दिन में घर से बाइक लेकर निकला था। इसके बाद वह तीन मार्च को गांव वापस लौटा। तीन दिन से वह गांव में ही छिपकर रह रहा था। पुलिस को विजय के बारे में रविवार को जानकारी मिली।
इसके बाद शाम को गांव में घेरेबंदी की गई। विजय को अतीक गिरोह में दो साल पहले गुलाम हसन के माध्यम से एंट्री मिली थी। शूटआउट में पांच लोगों को पहचान लिया गया था लेकिन विजय के बारे में रविवार तक किसी को कानोकान खबर नहीं थी। अगर होती तो डीजीपी रविवार को उस पर भी ढाई लाख इनाम की घोषणा कर चुके होते।
विजय चौधरी उर्फ उस्मान ऐसा नाम था जिसे सोमवार से पहले कोई नहीं जानता था। पुलिस ने भी शूटरों में असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर को चिन्हित किया था। अरबाज को कार चालक के रूप में चिन्हित किया गया था। छठवे शूटर के बारे में रविवार तक किसी को भी भनक नहीं थी।
रविवार को ही डीजीपी ने पांच आरोपियों पर ढाई ढाई लाख का इनाम घोषित किया था, उसमें विजय उर्फ उस्मान का नाम नहीं था। बहरहाल रविवार को ही पुलिस को विजय और उस्मान के बारे में पता चला। पुलिस को सर्विलांस से यह भी जानकारी मिल गई थी कि उसकी लोकेशन गांव में ही है। शाम को गांव में घेरबंदी कर ली गई।
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