Umesh Pal Hatyakand: 22 साल पहले SOG के हत्थे चढ़ा था गुड्डू मियां, प्रयागराज हत्याकांड में है नामजद

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प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या में नामजद गुड्डू मियां, 22 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में खोराबार थाने से जेल जा चुका है। उसकी गिरफ्तारी बिहार के बेउर जेल के सामने से हुई थी। वहां एक बड़े नेता के हत्या की सुपारी लेने गया था। जेल के बाहर से तत्कालीन एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने गुड्डू और सुल्तानपुर के उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था।

उस समय पूछताछ में सामने आया था कि बेउर जेल में बंद गोरखपुर के बदमाश ने गुड्डू को पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता की हत्या की सुपारी दी थी। इसी सिलसिले में उससे मिलने बेउर जेल आया था। बाद एसओजी टीम को यह भी पता चला कि गुड्डू कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला का खास गुर्गा रह चुका है। पश्चिम में श्रीप्रकाश के साथ गुड्डू ने कई आपराधिक मामलों को अंजाम दिया था। तत्कालीन पूछताछ टीम में शामिल सूत्र के मुताबिक, गुड्डू मियां ने बताया था कि उसके गिरोह के सभी बदमाश अब मारे जा चुके हैं। वह अकेला बचा है।

 

दरअसल, तत्कालीन एसओजी की टीम बिहार में बंद गोरखपुर के बदमाश से सुराग लेने के चक्कर में अक्सर बेउर जेल जाती रहती थी। इसी बीच शहर के एक अपराधी जिसका नाम गुड्डू मियां से मिलता जुलता था, उसके बेउर जेल में जाकर गोरखपुर वाले अपराधी से मिलने की सूचना गोरखपुर पुलिस को मिली थी। इसी सूचना के आधार पर तत्कालीन एएसपी और सीओ कैंट अमिताभ यश ने बेउर जेल के बाहर की रेकी करवानी शुरू की।

इस दौरान बिहार में बंद अपराधी से मिलने पूरे प्रदेश से सिर्फ यही दोनों ( गुड्डू मियां और सुल्तानपुर का शर्मा) पहुंचे थे। जेल के बाहर से टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और गोरखपुर लेकर आ गई। तलाशी में उसके पास से नशीला पदार्थ भी मिला था। हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई।

 

तत्कालीन एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने बताया कि पूछताछ में उससे जानकारी मिली कि जेल में बंद गोरखपुर का बदमाश उसे पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता की हत्या की सुपारी देना चाहता था। इसी सिलसिले में मुलाकात के लिए जेल गया था। इधर, पूछताछ चल रही थी कि एसटीएफ लखनऊ की टीम भी पहुंच गई। तत्कालीन प्रभारी यशवंत सिंह ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की।

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जानकारी लेने के बाद उसके पास से बरामद नशीले पदार्थ की वजह से खोराबार पुलिस ने एनडीपीएस में चालान कर जेल भिजवा दिया था। उस समय एसटीएफ की टीम ने एसओजी को गुड्डू मियां और श्रीप्रकाश शुक्ला के बीच के कनेक्शन के बारे में पूरी जानकारी भी दी थी।

 

अतीक अहमद ने ही करवाई थी जमानत

गुड्डू मियां मंडल कारागार में बंद रहा। ओपी तिवारी ने बताया कि उसकी जमानत भी अतीक अहमद ने ही करवाई थी। जमानतदार में भी शायद अतीक ही नाम शामिल था, या उसने किसी और से जमानत करवाई, यह उन्हें पूरी तरह से याद नहीं है।

अमिताभ यश के निर्देशन में पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी

तत्कालीन एएसपी अमिताभ यश सीओ कैंट भी थे। बिहार की जेल में बंद बदमाश के गोरखपुर रैकेट को खंगालने की जिम्मा उनपर थी। इसी बीच प्रदेश से सिर्फ दो लोगों के उस अपराधी से बिहार जाकर मिलने की सूचना मिली तो उन्होंने जिले की एसओजी टीम को लगाया था। अब अमिताभ यश प्रदेश में एडीजी एसटीएफ हैं।

 

कौन है गुड्डू मियां

प्रयागराज के उमेश पाल की हत्या में नामजद गुड्डू मियां का नाम हत्याकांड के वायरल वीडियो के बाद सामने आया। हमले का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें एक शख्स हाथों में बैग लिए बारी-बारी बम निकाल कर धमाका कर रहा है। पुलिस ने घटना के बाद जो फोटो जारी किया, उसमें बम फेंकने वाले की पहचान गुड्डू मियां के रूप में हुई।

एसटीएफ एडीजी अमिताश यश ने बताया कि 2001 में एसओजी गोरखपुर की टीम ने गुड्डू मियां को बेउर जेल से गिरफ्तारी किया था। उस समय वह किसी नेता की हत्या की सुपारी लेने आया था। तत्कालीन इनपुट के आधार पर एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने गुड्डू को गिरफ्तार किया था। उस समय मेरी तैनाती भी गोरखपुर जिले में ही थी।

 

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