Union Budget 2022: आगरा के चार्टर्ड एकाउंटेंट बोले- बजट से उम्मीदें थीं ज्यादा… मिला बहुत कम

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सार

चार्टर्ड एकाउंटेंटों ने बजट के बाद आपसी चर्चा में कहा कि चुनावी साल में उम्मीदें ज्यादा थीं, पर मिला कम। जीएसटी कानून में और संशोधनों की जरूरत थी, लेकिन सरकार से कम बदलाव ही किए।

आईसीएआई कार्यालय पर बजट का सीधा प्रसारण देखते सीए
– फोटो : अमर उजाला

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मंगलवार को एलईडी स्क्रीन पर जैसे ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण शुरू किया, आगरा के संजय प्लेस स्थित दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के आगरा शाखा कार्यालय में बैठे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नजर इस पर जम गईं। वित्तमंत्री के बजट पेश करने के दौरान सीए कभी असमंजस में नजर आए तो कभी तालियां बजाकर बजट प्रावधानों का स्वागत किया। 

बजट के हर बिंदु पर पैनी निगाह रख रहे चार्टर्ड एकाउंटेंटों ने बजट के बाद आपसी चर्चा में कहा कि चुनावी साल में उम्मीदें ज्यादा थीं, पर मिला कम। जीएसटी कानून में और संशोधनों की जरूरत थी, लेकिन सरकार से कम बदलाव ही किए। फर्जी इनवायस के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वालों पर लगाम कसने के लिए जीएसटी काननू को सख्त करने के प्रावधान का स्वागत किया। बजट चर्चा में सीए जीपी अग्रवाल, अजय जैन, आयुष बंसल, पवन गोयल, एसके अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।

सीए की निगाह में ये खास बिंदु

– आईटीसी के प्रावधान धारा-16 को सख्त किया
– पांच की जगह आईटीसी में 6 शर्तें पूरी करनी होंगी
– विक्रेता डिफॉल्टर तो क्रेता को नहीं मिलेगा आईटीसी
– जीएसटी रिटर्न में भूलसुधार के लिए 30 नवंबर तक समय
– आईटीसी पर ब्याज तब, जब उपयोग किया गया हो
– ज्यादा आईटीसी लेने पर 18 फीसदी ब्याज, पहले थी 24 फीसदी

आयकर स्लैब में बदलाव की जरूरत

सीए इंस्टीट्यूट की सचिव दीपिका मित्तल ने कहा कि आयकर स्लैब में बदलाव की जरूरत थी, जिस पर हर वर्ग की निगाह थी। कोरोना काल में इसमें बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। हालांकि दिव्यांगों के माता-पिता को टैक्स में छूट का कदम अच्छा है। बदलते समय की नई मुश्किलों बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स और टीडीएस के उपाय अच्छे हैं। 

फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

सीए सौरभ अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में फर्जी इनवाइस से जीएसटी में आईटीसी लेने के मामलों को देखते हुए बजट में सख्त प्रावधान किए गए हैं। विक्रेता डिफॉल्टर है तो क्रेता को आईटीसी नहीं मिल पाएगी और 5 की जगह 6 शर्तें पूरी करनी होगी। ये ऐसे कदम हैं, जिनसे फर्जीवाड़े पर कुछ लगाम कसी जा सकेगी। 

लोगों को मिलेगा लाभ

सीए इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष आशीष जैन ने कहा कि रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ परिवहन पर सरकार का फोकस है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा। डिजिटल करेंसी के कदम का स्वागत, लेकिन आयकर स्लैब में राहत की उम्मीद थी।  

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दो वर्षों के रिटर्न को फाइल करने की सुविधा

सीए दीपेंद्र मोहन ने कहा कि कोविड उपचार के लिए आश्रितों को मिलने वाली रकम को करमुक्त किया गया। दो सालों के आयकर रिटर्न को फाइल करने की सुविधा अच्छा कदम है। आयकर सर्च और सर्वे में धारा 148 और 148 ए के प्रावधान बदले गए हैं।

जाने कहां गया वो बजट

सीए मोहन कुकरेजा ने कहा कि अब वो बजट नहीं है, जिसमें रेल किराया बढ़ने, घटने, चीजों के सस्ता महंगा होने की जानकारी पर नजरें टिकी रहती थीं। जीएसटी काउंसिल बनने के बाद वस्तुओं पर जीएसटी की दरें तय करने का अधिकार उस पर हैं। जीएसटी की घटती-बढ़ती दरों से सामान के महंगा-सस्ता होने से बजट का बड़ा आकर्षण कम हो गया। इसी तरह रेल बजट भी पहले अलग था तो नई ट्रेन चलने, किराया, मालभाड़ा बढ़ने, घटने पर निगाहें रहती थीं, पर अब केवल नीतिगत मामले और बजट आवंटन ही बजट में बचे हैं। 

विस्तार

मंगलवार को एलईडी स्क्रीन पर जैसे ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण शुरू किया, आगरा के संजय प्लेस स्थित दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के आगरा शाखा कार्यालय में बैठे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नजर इस पर जम गईं। वित्तमंत्री के बजट पेश करने के दौरान सीए कभी असमंजस में नजर आए तो कभी तालियां बजाकर बजट प्रावधानों का स्वागत किया। 

बजट के हर बिंदु पर पैनी निगाह रख रहे चार्टर्ड एकाउंटेंटों ने बजट के बाद आपसी चर्चा में कहा कि चुनावी साल में उम्मीदें ज्यादा थीं, पर मिला कम। जीएसटी कानून में और संशोधनों की जरूरत थी, लेकिन सरकार से कम बदलाव ही किए। फर्जी इनवायस के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वालों पर लगाम कसने के लिए जीएसटी काननू को सख्त करने के प्रावधान का स्वागत किया। बजट चर्चा में सीए जीपी अग्रवाल, अजय जैन, आयुष बंसल, पवन गोयल, एसके अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।


सीए की निगाह में ये खास बिंदु

– आईटीसी के प्रावधान धारा-16 को सख्त किया

– पांच की जगह आईटीसी में 6 शर्तें पूरी करनी होंगी

– विक्रेता डिफॉल्टर तो क्रेता को नहीं मिलेगा आईटीसी

– जीएसटी रिटर्न में भूलसुधार के लिए 30 नवंबर तक समय

– आईटीसी पर ब्याज तब, जब उपयोग किया गया हो

– ज्यादा आईटीसी लेने पर 18 फीसदी ब्याज, पहले थी 24 फीसदी

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