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उन्नाव जिले में कलक्ट्रेट स्थित सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में चार दिन पहले किसी ने कोरियर से चूरन वाले नोट भेज दिए थे। सिटी मजिस्ट्रेट ने लिफाफा कोतवाली भेज दिया था। सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में अज्ञात व्यक्ति बड़ा सा लिफाफा लेकर पहुंचा। उसने खुद को कोरियर कर्मी बताया और लिफाफा कर्मचारी को थमा दिया। कर्मचारी सिटी मजिस्ट्रेट विजेता के पास पहुंचा।
उन्होंने लिफाफा खुलवाया तो उसमें दो हजार और 500 के चूरन वाले नोटों की गड्डियां निकलीं। कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि लिफाफे में किसी गौरव का नाम लिखा है। उसका पता नहीं चल पा रहा है। वहीं चर्चा है कि दो से ढाई लाख के चूरन वाले नोट लिफाफे में थे। लोगों का कहना है कि लंबे समय से सरकारी मशीनरी से पीड़ित किसी व्यक्ति ने हताशा में ये कदम उठाया है।
बता दें कि सिटी मजिस्ट्रेट के नाम गोपनीय तरीके से उनके पेशकार को कोरियर रिसीव कराया गया था। मजिस्ट्रेट के सामने पेशकार द्वारा कोरियर खुलवाए जाने पर उसमें ढाई लाख की नकली नोट निकली थी। इसको नीलू तिवारी, पुत्र लालू प्रसाद तिवारी निवासी अकरमपुर, थाना कोतवाली जिला उन्नाव के द्वारा कोरियर किया गया था।
उसमें उसके ऊपर 107/116 की कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई थी, जिसका मुकदमा नंबर 3928/22 है। इसको पुलिस द्वारा थाना कोतवाली में पंजीकृत किया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में ढाई लाख के निजी मुचलके पर उसने अपनी जमानत कराई थी, जिसमें नीलू के अलावा उसके परिवार के दो लोगों के नाम और थे। उसी ढाई लाख के मुचालके को लेकर उसने नकली नोट सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस में भिजवाए।
उसमें उसने एक पत्र में अपने वकील के ऊपर आरोप लगाए हैं, जिसमें नकली नोट और मुचालके का जिक्र है। सिटी मजिस्ट्रेट ने तुरंत अपने उच्च अधिकारी जिलाअधिकारी मजिस्ट्रेट की संज्ञान में पूरा मामला दिया। उनके निर्देश पर थाना कोतवाली में दोषों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
विस्तार
उन्नाव जिले में कलक्ट्रेट स्थित सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में चार दिन पहले किसी ने कोरियर से चूरन वाले नोट भेज दिए थे। सिटी मजिस्ट्रेट ने लिफाफा कोतवाली भेज दिया था। सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में अज्ञात व्यक्ति बड़ा सा लिफाफा लेकर पहुंचा। उसने खुद को कोरियर कर्मी बताया और लिफाफा कर्मचारी को थमा दिया। कर्मचारी सिटी मजिस्ट्रेट विजेता के पास पहुंचा।
उन्होंने लिफाफा खुलवाया तो उसमें दो हजार और 500 के चूरन वाले नोटों की गड्डियां निकलीं। कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि लिफाफे में किसी गौरव का नाम लिखा है। उसका पता नहीं चल पा रहा है। वहीं चर्चा है कि दो से ढाई लाख के चूरन वाले नोट लिफाफे में थे। लोगों का कहना है कि लंबे समय से सरकारी मशीनरी से पीड़ित किसी व्यक्ति ने हताशा में ये कदम उठाया है।
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