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उन्नाव। बाल सुधार गृह से जमानत पर छूटकर आने के बाद अखिलेश ने 25 किलो लड्डू पूरे गांव में बांटे थे। उसने दो महीने बाद (जुलाई) में दोनों के बालिग हो जाने पर शादी करने की बात भी कही थी। खुशियों के लड्डू उसकी और उसकी प्रेमिका की मौत की वजह बन गए। गांव में बात सार्वजनिक होने से ऊंची और नीची जाति को लेकर चर्चा शुरू हुई तो लड़की के परिजनों ने इसे अपने मान-सम्मान से जोड़ लिया। समस्या को जड़ से खत्म करने की ठान ली और हत्याकांड को अंजाम दे डाला।
किशोरी को भगाने के आरोप में मार्च में बाल सुधार गृह भेजा गया अखिलेश किशोरी के कलमबंद बयान के आधार पर एक मई 2023 को जमानत पर छूट गया था। किशोरी की तरफ से कोई आरोप न लगाए जाने से अखिलेश और उसके परिवार के लोग आने वाले दिनों में केस के खत्म होने को लेकर काफी खुश थे। दो मई को घर पहुंचे अखिलेश ने लड्डू मंगवाए और गांव में बांट दिए। मालूम हो कि अखिलेश और निक्की एक ही साथ साल्हेनगर प्राथमिक विद्यालय में पढ़े हैं। टीसी के अनुसार दोनों की जन्मतिथि जुलाई 2006 दर्ज है।
इस हिसाब से दोनों दो महीने बाद बालिग हो जाते। ग्रामीणों के अनुसार, अखिलेश ने अपने हमउम्र साथियों से कहा भी था कि वह दो महीने बाद शादी कर लेगा। इसकी जानकारी होते ही किशोरी के परिजनों ने उसके परिवार के लोगों को धमकाया भी था। अखिलेश की बहन शिवदेवी ने बताया कि मृतका निक्की सिंह के चाचा सरोज सिंह और चचेरे भाई राहुल ने चेतावनी दी थी कि साथ दिखे तो वही दिन दोनों की जिंदगी का आखिरी दिन होगा। 10 मई 2023 को होने वाली पेशी में जब इन लोगों को लगा कि निक्की, अखिलेश के पक्ष में बयान देगी और केस खत्म हो जाएगा तो परिवार ने दोनों की हत्या कर दी।
दोनों परिवारों में प्रेम प्रसंग को लेकर तो खुन्नस थी ही, एक बीघा जमीन भी विवाद की जड़ थी। अखिलेश के पिता छोटेलाल ने बताया कि उसका एक आम का बाग भी था। 15 वर्ष पहले छह सालों की फसल राकेश सिंह के हाथ बेची थी। राकेश ने छह साल की फसल भी ली, साथ ही फर्जी कागज बनवाकर दो लाख रुपये मृतक के पिता पर गिरवीनामा बनवा लिया। आज तक वह जमीन उसी के कब्जे में है।
शिवदेवी ने बताया कि वह भाई राजेश और अरुण के साथ हरियाणा में रहती है। भाई की मौत की खबर सुन वह शव देखने आ रही थी, लेकिन जब तक हम लोग पहुंचते पुलिस ने मजदूरों से कब्र खुदवाकर शव दफन करवा दिया। यहां तक कि परिजनों को भी शव नहीं देखने दिया गया। पुलिस ने दोनों ही शव का इच्छा विरुद्ध अंतिम संस्कार कर दिया।
घटना के बाद से गांव में काफी फोर्स तैनात है। स्थिति यह है कि गांव की दुकानें तो खुली हैं, लेकिन घर से कोई नहीं निकल रहा है। गांव में सन्नाटा पसरा है। हत्यारोपियों के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। मृतक किशोर के घर के बाहर दो सिपाही बिठाए गए हैं।
प्रेमी युगल की हत्या के बाद निक्की के परिवार वालों के आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं अखिलेश के परिजनों को आने जाने दिया जा रहा है। बुधवार को पिता छोटेलाल मुकदमे को स्पंज करने के लिए अधिवक्ता से मिलने उन्नाव आए थे। वहीं उसके दो बेटों में अनिल और राजेश को एफआईआर कॉपी लेने थाने भेजा गया था।
जिस तालाब के बाद दोनों की हत्या कर शव लटकाए गए वहां परिजनों ने और ग्रामीणों ने चप्पल और डंडे भी पड़े देखे थे। जांच करने गई पुलिस से लोगों ने चप्पल और डंडे मिलने की जानकारी भी दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया और अपनी मनमानी की।
सीओ बांगरमऊ पंकज सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। घटना में पुलिस की कहां कहां लापरवाही रही। इसकी बिंदु वार जांच की जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अखिलेश के पिता छोटेलाल ने पुलिस को हलफनामा दिया है कि जदुरेश सिंह, सरोज सिंह, जग्गा सिंह उर्फ मुकेश सिंह, मधुरेश सिंह, छोटक्के सिंह, सौरभ सिंह ने बेटे से मारपीट की थी,साथ ही चार पहिया वाहन में डालकर हत्या कर दी थी। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी। बेटे की हत्या के चलते प्रार्थी परेशान रहा। इस कारण तहरीर में मुकेश सिंह के नाम में जग्गा सिंह और राकेश सिंह के नाम में छोटक्के सिंह लग गया है। गांव में लोग मुकेश सिंह को जग्गा सिंह और राकेश सिंह को छोटक्के सिंह के नाम से जानते हैं।
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