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उन्नाव। महिला की गैर इरादतन हत्या के एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश ने नामजद पिता-पुत्र सहित तीन को दोषी पाया। उन्होंने तीनों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। वहीं 19500 रुपये अर्थदंड भी दिया है।
मौरावां थाना क्षेत्र के हीराखेड़ा गांव निवासी राजकुमार एक दिसंबर 2014 को गांव के ही रामआसरे व उसके बेटे सुयोग व उसके परिवार के नंद किशोर, पत्नी रामकली से मारपीट करने की एनसीआर दर्ज कराई थी। इलाज के दौरान रामकली की मौत हो गई थी।
22 दिसंबर 2014 को पुलिस ने एनसीआर में गैर इरादतन हत्या (धारा 304) की धारा बढाई और नामजद आरोपी रामआसरे, सुयोग व नंदकिशोर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कुछ महीने बाद तीनों को जमानत मिल गई थी। मौरावां थाना के तत्कालीन एसओ केके यादव ने विवेचना कर तीनों के खिलाफ 28 मार्च 2016 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
सोमवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई जिला जज न्यायालय में हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल त्रिपाठी की दलीलों और सबूतों के आधार पर जनपद न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव ने तीनों का दोष साबित होने पर दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई।
उन्नाव। महिला की गैर इरादतन हत्या के एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश ने नामजद पिता-पुत्र सहित तीन को दोषी पाया। उन्होंने तीनों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। वहीं 19500 रुपये अर्थदंड भी दिया है।
मौरावां थाना क्षेत्र के हीराखेड़ा गांव निवासी राजकुमार एक दिसंबर 2014 को गांव के ही रामआसरे व उसके बेटे सुयोग व उसके परिवार के नंद किशोर, पत्नी रामकली से मारपीट करने की एनसीआर दर्ज कराई थी। इलाज के दौरान रामकली की मौत हो गई थी।
22 दिसंबर 2014 को पुलिस ने एनसीआर में गैर इरादतन हत्या (धारा 304) की धारा बढाई और नामजद आरोपी रामआसरे, सुयोग व नंदकिशोर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कुछ महीने बाद तीनों को जमानत मिल गई थी। मौरावां थाना के तत्कालीन एसओ केके यादव ने विवेचना कर तीनों के खिलाफ 28 मार्च 2016 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
सोमवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई जिला जज न्यायालय में हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल त्रिपाठी की दलीलों और सबूतों के आधार पर जनपद न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव ने तीनों का दोष साबित होने पर दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई।
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