[ad_1]
ख़बर सुनें
हसनगंज। किशोरी का शव बुधवार भोर पहर गांव के बाहर एक बाग में पेड़ पर दुपट्टे से फंदे पर लटका मिला। वह परिजनों से मामा के घर जाने की बात कहकर घर से निकली थी।
गांव गदनखेड़ा निवासी राजकुमार रावत की बेटी निहारिका (15) हाईस्कूल की छात्रा थी। वह अपने दादा कुंवारे के साथ रहती थी। माता गुड्डी और पिता दिल्ली में रहकर एक फैक्टरी में मजदूरी करते हैं। मंगलवार को निहारिका अपने दादा से मौलाबाकीपुर में रहने वाले मामा के घर जाने की बात कहकर निकली थी। बाद में वह न मामा के घर पहुंची और न ही अपने घर लौटकर आई। परिजनों ने तलाश शुरू की लेकिन कहीं पता नहीं चला।
बुधवार भोर पहर किशोरी का शव गांव के बाहर राघवचंद्र के बाग में दुपट्टे से फंदे पर लटका मिला। वह चार भाई व बहनों में सबसे छोटी थी। कुंवारे ने बताया कि निहारिका कुछ मंदबुद्धि थी। इसलिए हम लोगों ने अपने पास रखा था। कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है।
हसनगंज। किशोरी का शव बुधवार भोर पहर गांव के बाहर एक बाग में पेड़ पर दुपट्टे से फंदे पर लटका मिला। वह परिजनों से मामा के घर जाने की बात कहकर घर से निकली थी।
गांव गदनखेड़ा निवासी राजकुमार रावत की बेटी निहारिका (15) हाईस्कूल की छात्रा थी। वह अपने दादा कुंवारे के साथ रहती थी। माता गुड्डी और पिता दिल्ली में रहकर एक फैक्टरी में मजदूरी करते हैं। मंगलवार को निहारिका अपने दादा से मौलाबाकीपुर में रहने वाले मामा के घर जाने की बात कहकर निकली थी। बाद में वह न मामा के घर पहुंची और न ही अपने घर लौटकर आई। परिजनों ने तलाश शुरू की लेकिन कहीं पता नहीं चला।
बुधवार भोर पहर किशोरी का शव गांव के बाहर राघवचंद्र के बाग में दुपट्टे से फंदे पर लटका मिला। वह चार भाई व बहनों में सबसे छोटी थी। कुंवारे ने बताया कि निहारिका कुछ मंदबुद्धि थी। इसलिए हम लोगों ने अपने पास रखा था। कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है।
[ad_2]
Source link