Unnao News: उन्नावः शारदा नहर कटी, सौ बीघा फसल डूब गई

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इंदिरा नगर में कटी शारदा नहर की खांदी को जेसीबी से दुरुस्त कराते अवर अभियंता मो. इरशाद। संवाद

इंदिरा नगर में कटी शारदा नहर की खांदी को जेसीबी से दुरुस्त कराते अवर अभियंता मो. इरशाद। संवाद
– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। शहर के इंदिरा नगर से निकली शारदा नहर की खांदी कटने से करीब सौ बीघा फसल जलमग्न हो गई। किसानों ने खुद खांदी बांधने की कोशिश की परन बहाव तेज होने से सफलता नहीं मिली। डीएम के निर्देश पर नहर विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे और जेसीबी की मदद से खांदी बंधवाने की कोशिश की लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाए। देर शाम पानी का बहाव कम होने पर खांदी की मरम्मत हो पाई।
शनिवार रात शारदा नहर में पानी छोड़ा गया था। रविवार रात शहर के मोहल्ला इंदिरा नगर से निकली शारदा नहर की खांदी पानी के तेज बहाव से कट गई। बहाव तेज होने से 100 बीघा गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। सुबह खेत पर पहुंचे किसानों ने खेतों की हालत देखी तो सन्न रह गए।
फसल को बचाने के लिए पहले खुद ही खांदी बांधने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। इसपर डीएम अपूर्वा दुबे को फोन कर जानकारी दी। डीएम के निर्देश पर नहर विभाग के अवर अभियंता मो. इरशाद अन्य कर्मचारियों के साथ पहुंचे। फिर जेसीबी मंगवाकर खांदी बंधवाने की कवायद शुरू की।
देरशाम खांदी की मरम्मत हो पाई। एक्सईएन शैलेश कुमार ने बताया कि कुछ किसानों ने अपनी फसल सींचने के लिए छोटी नाली बनाने का प्रयास किया था लेकिन पानी का बहव तेज होने से मिट्टी कटती चली गई और खांदी कट गई। बहाव तेज होने से पानी खेतों में भर गया। बताया कि सींचपाल के माध्यम से नाली काटने अज्ञात किसानों के नाम एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
किसानों का आरोप, सफाई में हुई खानापूर्ति
किसानों का आरोप है कि नहर सफाई में खानापूर्ति की गई। जिस रात को पानी आया उसी सुबह जेसीबी से नहर सफाई का कोरम पूरा किया गया। क्षेत्र के राकेश साहू, राजू सिंह व आलोक आदि ने बताया कि सिल्ट की पूरी तरह से सफाई नहीं की गई। वहीं डोला पटरी भी सही से दुरुस्त नहीं की गई। आरोप लगाया कि विभाग द्वारा डोला पटरी मरम्मत के नाम पर वर्कआर्डर के जरिए हर साल लाखों रुपये निकाले जाते हैं। जबकि काम के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की जाती है। इसका खामियाजा पानी छोड़ने के दौरान खांदी कटने से किसानों को उठाना पड़ता है।
इंसेट
खेतों में भरा पानी, फसल नष्ट होने का खतरा
बेहटामुजावर। शादीपुर गांव के सामने शारदा नहर पुल के पानी निकासी वाले स्थान पर कूड़ा फंसने से खेतों में भरा पानी सोमवार को कम नहीं हुआ। अब किसानों को अपनी फसल नष्ट होने की चिंता सता रही है। कर्मियों ने पुल में फंसे कूड़े को हटवाकर नहर के किनारे से पानी निकलने वाले स्थान पर मिट्टी डलवा दी है। मालूम हो कि शादीपुर गांव के पास नहर पुल में कूड़ा फंसने से रविवार को पानी वैरी सहित अन्य गांवों के खेतों में भर गया था। वहीं नहर से रामदीनखेड़ा होते हुए निकले माइनर की खांदी कटने से करीब 140 बीघा फसल जलमग्र हो गई थी। कर्मचारियों ने माइनर कटे वाले स्थान पर जेसीबी के जरिए ठीक कराया है।
इंसेट
न्योतनी रजबहे का एसडीएम ने किया निरीक्षण
हसनगंज। एसडीएम अंकित शुक्ला ने न्योतनी रजबहे का हेड से टेल तक निरीक्षण किया। कई जगह पर सफाई तो दूर मशीन तक नहीं उतारी गई। जिससे उसमें खड़ी झाडिय़ां सफाई की पोल खोलती रहीं। एसडीएम ने बताया कि हेड से टेल तक पानी पहुंचे इसके लिए विभाग को सही से सफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं। न्योतनी रजबहे में मशीन से फिर से सफाई शुरू कराई गई है। जहां मशीन नहीं पहुंच सकती वहां मजदूरों से सफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं।

खेत में भरे पानी को दिखाता मुन्नाखेड़ा का किसान रामेश्वर। संवाद

खेत में भरे पानी को दिखाता मुन्नाखेड़ा का किसान रामेश्वर। संवाद– फोटो : UNNAO

यह भी पढ़ें -  हैवानियत की हदें पार: चार साल के बच्चे को शराब पिलाकर चाचा ने किया कुकर्म, पांच पर दर्ज हुई रिपोर्ट

उन्नाव। शहर के इंदिरा नगर से निकली शारदा नहर की खांदी कटने से करीब सौ बीघा फसल जलमग्न हो गई। किसानों ने खुद खांदी बांधने की कोशिश की परन बहाव तेज होने से सफलता नहीं मिली। डीएम के निर्देश पर नहर विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे और जेसीबी की मदद से खांदी बंधवाने की कोशिश की लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाए। देर शाम पानी का बहाव कम होने पर खांदी की मरम्मत हो पाई।

शनिवार रात शारदा नहर में पानी छोड़ा गया था। रविवार रात शहर के मोहल्ला इंदिरा नगर से निकली शारदा नहर की खांदी पानी के तेज बहाव से कट गई। बहाव तेज होने से 100 बीघा गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। सुबह खेत पर पहुंचे किसानों ने खेतों की हालत देखी तो सन्न रह गए।

फसल को बचाने के लिए पहले खुद ही खांदी बांधने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। इसपर डीएम अपूर्वा दुबे को फोन कर जानकारी दी। डीएम के निर्देश पर नहर विभाग के अवर अभियंता मो. इरशाद अन्य कर्मचारियों के साथ पहुंचे। फिर जेसीबी मंगवाकर खांदी बंधवाने की कवायद शुरू की।

देरशाम खांदी की मरम्मत हो पाई। एक्सईएन शैलेश कुमार ने बताया कि कुछ किसानों ने अपनी फसल सींचने के लिए छोटी नाली बनाने का प्रयास किया था लेकिन पानी का बहव तेज होने से मिट्टी कटती चली गई और खांदी कट गई। बहाव तेज होने से पानी खेतों में भर गया। बताया कि सींचपाल के माध्यम से नाली काटने अज्ञात किसानों के नाम एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

किसानों का आरोप, सफाई में हुई खानापूर्ति

किसानों का आरोप है कि नहर सफाई में खानापूर्ति की गई। जिस रात को पानी आया उसी सुबह जेसीबी से नहर सफाई का कोरम पूरा किया गया। क्षेत्र के राकेश साहू, राजू सिंह व आलोक आदि ने बताया कि सिल्ट की पूरी तरह से सफाई नहीं की गई। वहीं डोला पटरी भी सही से दुरुस्त नहीं की गई। आरोप लगाया कि विभाग द्वारा डोला पटरी मरम्मत के नाम पर वर्कआर्डर के जरिए हर साल लाखों रुपये निकाले जाते हैं। जबकि काम के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की जाती है। इसका खामियाजा पानी छोड़ने के दौरान खांदी कटने से किसानों को उठाना पड़ता है।

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खेतों में भरा पानी, फसल नष्ट होने का खतरा

बेहटामुजावर। शादीपुर गांव के सामने शारदा नहर पुल के पानी निकासी वाले स्थान पर कूड़ा फंसने से खेतों में भरा पानी सोमवार को कम नहीं हुआ। अब किसानों को अपनी फसल नष्ट होने की चिंता सता रही है। कर्मियों ने पुल में फंसे कूड़े को हटवाकर नहर के किनारे से पानी निकलने वाले स्थान पर मिट्टी डलवा दी है। मालूम हो कि शादीपुर गांव के पास नहर पुल में कूड़ा फंसने से रविवार को पानी वैरी सहित अन्य गांवों के खेतों में भर गया था। वहीं नहर से रामदीनखेड़ा होते हुए निकले माइनर की खांदी कटने से करीब 140 बीघा फसल जलमग्र हो गई थी। कर्मचारियों ने माइनर कटे वाले स्थान पर जेसीबी के जरिए ठीक कराया है।

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न्योतनी रजबहे का एसडीएम ने किया निरीक्षण

हसनगंज। एसडीएम अंकित शुक्ला ने न्योतनी रजबहे का हेड से टेल तक निरीक्षण किया। कई जगह पर सफाई तो दूर मशीन तक नहीं उतारी गई। जिससे उसमें खड़ी झाडिय़ां सफाई की पोल खोलती रहीं। एसडीएम ने बताया कि हेड से टेल तक पानी पहुंचे इसके लिए विभाग को सही से सफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं। न्योतनी रजबहे में मशीन से फिर से सफाई शुरू कराई गई है। जहां मशीन नहीं पहुंच सकती वहां मजदूरों से सफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं।

खेत में भरे पानी को दिखाता मुन्नाखेड़ा का किसान रामेश्वर। संवाद

खेत में भरे पानी को दिखाता मुन्नाखेड़ा का किसान रामेश्वर। संवाद– फोटो : UNNAO



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