[ad_1]
ख़बर सुनें
सोनिक। डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने चार विभागों की अधिकारियों के साथ दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित मांस निर्यातक स्लाटर हाउस में छापा मारा। करीब चार घंटे जांच के दौरान 15 दिन की सीसीटीवी फुटेज देखे गए। स्लाटर हाउस से बहाए जा रहे पानी और पैकेट बंद मांस के नमूने लेकर लैब भेजे। पिछले गेट के सीसीटीवी कैमरों की कई दिनों की रिकार्डिंग नहीं मिली है। जांच टीम ने कंपाइल रिपोर्ट आने पर डीएम को देने की बात कही।
एक संगठन के लोगों ने केंद्रीय राज्यमंत्री आवासन एवं शहरी विकास कार्य मंत्रालय कौशल किशोर को शिकायतीपत्र दिया था। औद्योगिक क्षेत्र स्थित स्टैंडर्ड फ्रोजन फूड्स स्लाटर हाउस की जांच कराने की मांग की गई थी। मंत्री ने डीएम से जांच कराने को कहा था।
रविवार को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट विजेता की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम सुबह आठ बजे स्लाटर हाउस पहुंची। टीम में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल दत्तात्रेय पांडे, सहायक आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंजूषा सिंह, एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी व प्रदूषण अधिकारी शशिबिंदकर शामिल रहे।
जांच के दौरन टीम ने स्लाटरिंग के लिए रखे गए मवेशियों, उनके स्वास्थ्य परीक्षण, परिवहन संबंधी कागजात चेक किए। ईटीपी (
इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) का संचालन जांचा गया। प्रदूषण अधिकारी ने उत्प्रवाह और ईटीपी के पानी के नमूने लिए। जांच टीम को स्लाटर हाउस में केवल पांच मवेशी ही मिले।
एआरटीओ व सहायक आयुक्त खाद्य ने भी स्लाटर हाउस साफ, सफाई सहित अन्य बिंदुओं पर गहनता से जांच की। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि स्लाटर में काम बंद मिला। प्रबंधन ने बताया कि निर्यात की अनुमति न मिलने से दो दिन से उत्पादन बंद है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि सभी विभागों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सोनिक। डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने चार विभागों की अधिकारियों के साथ दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित मांस निर्यातक स्लाटर हाउस में छापा मारा। करीब चार घंटे जांच के दौरान 15 दिन की सीसीटीवी फुटेज देखे गए। स्लाटर हाउस से बहाए जा रहे पानी और पैकेट बंद मांस के नमूने लेकर लैब भेजे। पिछले गेट के सीसीटीवी कैमरों की कई दिनों की रिकार्डिंग नहीं मिली है। जांच टीम ने कंपाइल रिपोर्ट आने पर डीएम को देने की बात कही।
एक संगठन के लोगों ने केंद्रीय राज्यमंत्री आवासन एवं शहरी विकास कार्य मंत्रालय कौशल किशोर को शिकायतीपत्र दिया था। औद्योगिक क्षेत्र स्थित स्टैंडर्ड फ्रोजन फूड्स स्लाटर हाउस की जांच कराने की मांग की गई थी। मंत्री ने डीएम से जांच कराने को कहा था।
रविवार को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट विजेता की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम सुबह आठ बजे स्लाटर हाउस पहुंची। टीम में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल दत्तात्रेय पांडे, सहायक आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंजूषा सिंह, एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी व प्रदूषण अधिकारी शशिबिंदकर शामिल रहे।
जांच के दौरन टीम ने स्लाटरिंग के लिए रखे गए मवेशियों, उनके स्वास्थ्य परीक्षण, परिवहन संबंधी कागजात चेक किए। ईटीपी (
इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) का संचालन जांचा गया। प्रदूषण अधिकारी ने उत्प्रवाह और ईटीपी के पानी के नमूने लिए। जांच टीम को स्लाटर हाउस में केवल पांच मवेशी ही मिले।
एआरटीओ व सहायक आयुक्त खाद्य ने भी स्लाटर हाउस साफ, सफाई सहित अन्य बिंदुओं पर गहनता से जांच की। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि स्लाटर में काम बंद मिला। प्रबंधन ने बताया कि निर्यात की अनुमति न मिलने से दो दिन से उत्पादन बंद है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि सभी विभागों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
[ad_2]
Source link