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उन्नाव। गैंगचार्ट तैयार करने में पुलिस की खामी से जमानत अर्जी की सुनवाई में आरोपी को इसका लाभ मिल गया। हाईकोर्ट में मंगलवार को मुकदमे की सुनवाई कर न्यायाधीश ने जमानत अर्जी मंजूर कर दी। वहीं लापरवाही बरतने के मामले में तत्कालीन मौरावां थानाध्यक्ष/उपनिरीक्षक को निलंबित किया जा चुका है।
मौरावां थाना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने 12 जुलाई 2022 को रायबरेली जिले के खीरो निवासी अमरेश यादव उर्फ आदित्य यादव, गौरव सिंह उर्फ विपिन सिंह, गौरव यादव व अमन पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने मुकदमे के संबंध में जो गैंगचार्ट तैयार किया उसमें मौरावां थानाक्षेत्र में चारों आरोपियों के विरुद्ध तीन मुकदमे दर्ज होना बताया।
आरोपियों के अधिवक्ता ने जनपद की गैंगस्टर कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी, सुनवाई के बाद अर्जी खारिज हो गई। इसके बाद गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए अमन के अधिवक्ता श्रीष कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दी। अर्जी के विरोध में थाना पुलिस ने गैंगचार्ट समेत तीनों मुकदमों की प्रतियां न्यायालय में पेश की। अधिवक्ता जल्दबाजी में दर्ज किए गए मुकदमें की गई त्रुटियों को न्यायालय के समक्ष उजागर किया। अधिवक्ता ने न्यायाधीश को बताया कि मौरावां पुलिस ने जो गैंगचार्ट कोर्ट में दाखिल किया है। उसमें दिखाए गए एक मुकदमे में अमन का नाम ही नहीं है और ना ही उसके खिलाफ कोर्ट में कोई चार्जशीट दाखिल हुई। मंगलवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की कोर्ट नंबर 12 के न्यायाधीश राजीव सिंह ने आरोपी अमन की जमानत अर्जी को मंजूर कर दिया। अधिवक्ता श्रीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट के दर्ज मुकदमे की वर्तमान में विवेचना थानाध्यक्ष सुरेश कुमार द्वारा की जा रही है। इंसेट एसपी ने
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने गैंगचार्ट तैयार करने में बरती गई खामी पर तत्कालीन मौरावां थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह को 19 अप्रैल 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एसपी ने नोटिस के जवाब में लिखित स्पष्टीकरण के लिए 15 दिन का समय दिया है।
जमानत अर्जी पर 24 अप्रैल को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने प्रकरण में व्यक्तिगत शपथपत्र देने वाली डीएम व एसपी के खिलाफ प्रमुख सचिव गृह को जवाबदेही तय करने का आदेश दिया है।
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