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गंजमुरादाबाद। बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके लिए अधिवक्ता फारूक अहमद ने उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में जनहित याचिका दायर की है।
1985 में कराए गए परीक्षण में ग्राम महोलिया, हरईपुर, ब्योली इस्लामाबाद, रोशनाबाद, भिक्खनपुर गोपालपुर आदि गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा काफी ज्यादा मिली थी। इसके कुछ वर्षों बाद ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए ग्राम ब्योली इस्लामाबाद में पानी टंकी की स्थापना की गई थी। बनने के एक वर्ष बाद ही पानी की टंकी खराब हो गई।
ग्राम महोलिया के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा अन्य गांव में भी काफी संख्या में लोग इससे प्रभावित हैं। गंभीर समस्या को देखते हुए ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता व यश भारती सम्मान से सम्मानित फारूक अहमद एडवोकेट ने 20 मई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लोगों को फ्लोराइड रहित जल उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी।
इस पर डीएम ने 22 जून को फंड उपलब्ध होते ही पानी टंकी दुरुस्त कराने की बात कही थी। लेटलतीफी देखते हुए फारूक अहमद ने
सोमवार को जनहित याचिका उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में दायर की। मांग की कि फ्लोराइड रहित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक गांव में नई तकनीक की पानी की टंकी बनाई जाए। याचिका पर सुनवाई 15 दिसंबर 2022 को होगी।
गंजमुरादाबाद। बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके लिए अधिवक्ता फारूक अहमद ने उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में जनहित याचिका दायर की है।
1985 में कराए गए परीक्षण में ग्राम महोलिया, हरईपुर, ब्योली इस्लामाबाद, रोशनाबाद, भिक्खनपुर गोपालपुर आदि गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा काफी ज्यादा मिली थी। इसके कुछ वर्षों बाद ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए ग्राम ब्योली इस्लामाबाद में पानी टंकी की स्थापना की गई थी। बनने के एक वर्ष बाद ही पानी की टंकी खराब हो गई।
ग्राम महोलिया के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा अन्य गांव में भी काफी संख्या में लोग इससे प्रभावित हैं। गंभीर समस्या को देखते हुए ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता व यश भारती सम्मान से सम्मानित फारूक अहमद एडवोकेट ने 20 मई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लोगों को फ्लोराइड रहित जल उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी।
इस पर डीएम ने 22 जून को फंड उपलब्ध होते ही पानी टंकी दुरुस्त कराने की बात कही थी। लेटलतीफी देखते हुए फारूक अहमद ने
सोमवार को जनहित याचिका उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में दायर की। मांग की कि फ्लोराइड रहित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक गांव में नई तकनीक की पानी की टंकी बनाई जाए। याचिका पर सुनवाई 15 दिसंबर 2022 को होगी।
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