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संवाद न्यूज एजेंसी
अचलगंज। पौधों के संरक्षण और पर्यावरण सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वालों की लापरवाही का आलम यह कि उच्चाधिकारियों के हाथों रोपे गए पौधों तक को पानी नहीं दे पा रहे। सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक परिसर में प्रमुख सचिव द्वारा रोपा गया बरगद का पौधा विकसित होने के बजाए चार साल में ढाई फिट से घटकर छह इंच रह गया।
नौ अगस्त 2019 को प्रमुख सचिव राजन शुक्ल ने एक कार्यक्रम के दौरान सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक परिसर में एक बरगद का पौधा रोपा था। इस स्थान पर बड़ा सा फाउंडेशन बनाया था। साथ ही अपर मुख्य सचिव का बड़े अक्षरों में नाम भी अंकित किया गया था। सचिव तो पौधा रोपित कर चले गए थे लेकिन जिम्मेदारों ने उसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह रहा कि रोपते समय जो पौधा दो से ढाई फिट का था, वह बढऩे की बजाए घटकर छह इंच का रह गया। इसी तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित द्वारा आजाद स्मारक में वर्ष 2021 में रोपा गया पौधा आज नदारद है। आजाद जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष डीएम व एसपी इसी परिसर में एक, एक पौधा रोपते हैं लेकिन शायद ही अब कोई पौधा जमीन पर दिख रहा हो। बंथर में दो वर्ष पूर्व किए गए वृहद पौधरोपण स्थल पर आज एक भी पौधा नहीं दिखता।
स्मारकों में लगे पौधे भी हुए ‘गायब’
वन विभाग द्वारा पिछले साल आजाद स्मारक, बेथर के चंद्रिका बक्स सिंह स्मारक व पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मारकों पर हरि शंकरी पौधे लगाए गए थे। जिनमें से एक भी नहीं दिखता है। इसके उलट वन दरोगा ऋषिकांत का दावा है कि पौधों की देखरेख की जाती है। समय समय पर पानी डाला जाता है। बंदरों व छुट्टा मवेशियों की वजह से इनको क्षति पहुंचती है। जहां गमले बन गए हैं वहां के पौधे बढ़ोतरी पर हैं।
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