[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। अब छात्र-छात्राएं 10 दिसंबर तक ऑनलाइन फार्म भर सकेंगे। शिक्षण संस्थानों को यह आवेदन समाज कल्याण विभाग को 14 दिसंबर तक अग्रसारित करने होंगे।
प्रदेश सरकार कक्षा 11 व 12 के छात्र छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति देती है। इससे ऊपर की कक्षाओं बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएड, बीटेक सहित अन्य तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ देती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी नीलम सिंह ने बताया कि संबंधित पाठ्यक्रमों में छात्र व छात्राओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की समय सीमा 10 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह समयावधि सात नवंबर थी। सभी को पहले आवेदन पत्र ऑनलाइन भरना होगा। फिर संबंधित शिक्षण संस्थान में हार्डकॉपी जमा करनी होगी। इससे शिक्षण संस्थान आवेदन पत्रों को 14 दिसंबर तक अग्रसारित कर सकेंगे।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अभी तक 35 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किए थे। इसमें से 26 हजार आवेदन सामान्य और अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के थे। शेष में पिछड़ा और दिव्यांग के आवेदन थे। इसके बाद भी काफी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए थे। अब समय बढ़ने से इनको भी छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है।
उन्नाव। छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। अब छात्र-छात्राएं 10 दिसंबर तक ऑनलाइन फार्म भर सकेंगे। शिक्षण संस्थानों को यह आवेदन समाज कल्याण विभाग को 14 दिसंबर तक अग्रसारित करने होंगे।
प्रदेश सरकार कक्षा 11 व 12 के छात्र छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति देती है। इससे ऊपर की कक्षाओं बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएड, बीटेक सहित अन्य तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ देती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी नीलम सिंह ने बताया कि संबंधित पाठ्यक्रमों में छात्र व छात्राओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की समय सीमा 10 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह समयावधि सात नवंबर थी। सभी को पहले आवेदन पत्र ऑनलाइन भरना होगा। फिर संबंधित शिक्षण संस्थान में हार्डकॉपी जमा करनी होगी। इससे शिक्षण संस्थान आवेदन पत्रों को 14 दिसंबर तक अग्रसारित कर सकेंगे।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अभी तक 35 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किए थे। इसमें से 26 हजार आवेदन सामान्य और अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के थे। शेष में पिछड़ा और दिव्यांग के आवेदन थे। इसके बाद भी काफी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए थे। अब समय बढ़ने से इनको भी छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है।
[ad_2]
Source link