[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। शादीशुदा महिला की हत्या में फंसाए गए दिव्यांग को अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर तीन के न्यायाधीश महेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को बरी कर दिया। दिव्यांग पर जिस महिला की हत्या करने का आरोप था, उसे पुलिस ने कुछ समय बाद मुंबई से जीवित बरामद किया था। कोर्ट ने तत्कालीन सीओ व थानाध्यक्ष को विवेचना में लापरवाही का दोषी पाया। उनके विरुद्ध एक माह के भीतर कार्रवाई के लिए डीएम और एसपी को पत्र भेजा है।
मोहल्ला जुराखन खेड़ा निवासी योगेंद्र कुमार अवस्थी ने 20 मार्च 2018 को सदर कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि पत्नी श्रद्धा (23) आठ मार्च 2018 को इंटर की परीक्षा देने गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी। पता चला कि पड़ोस में रहने वाले दिव्यांग मित्र प्रमोद कुमार वर्मा के साथ वह चली गई। पुलिस ने शिकायत पर एनसीआर दर्ज कर खोजबीन शुरू की। इसी दौरान दो अप्रैल 2018 को शेरपुरकला गांव के बाहर नहर किनारे एक 19 वर्षीय युवती का जला हुआ शव मिला था। तत्कालीन प्रधान कृष्णपाल यादव ने अज्ञात लोगों पर हत्या की रिपोर्ट आसीवन थाने में दर्ज कराई थी।
शव जला होने से मौत की वजह स्पष्ट नहीं हुई थी। डॉक्टरों ने डीएनए सैंपल सुरक्षित किया था। 27 मई 2018 को मृतका की चूड़ी, कपड़े व फोटो से योगेंद्र व उसके परिवार के लोगों ने शव श्रद्धा गुप्ता का होने की पुष्टि कर दी। इस पर आसीवन थाना पुलिस ने सदर कोतवाली में दर्ज एनसीआर को भी मुकदमे से जोड़ दिया था। आसीवन थाना के तत्कालीन विवेचक सियाराम वर्मा ने नौ जून 2018 को आरोपी प्रमोद कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया था। विवेचक इंस्पेक्टर सियाराम का स्थानांतरण होने पर विवेचना दरोगा जयशंकर सिंह को मिली।
जयशंकर ने तीन सितंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। वर्ष 2020 में तत्कालीन एसओ राजेश सिंह ने मृत मिली युवती के डीएनए सैंपल का मिलान कराने के लिए श्रद्धा के माता-पिता और बेटी का डीएनए सैंपल लेकर जांच कराई तो मिलान नहीं हुआ। शव श्रद्धा का न होने की पुष्टि हुई। पुलिस की पहल पर अक्तूबर 2020 को प्रमोद वर्मा को जमानत मिल गई थी।
महाराष्ट्र के एक नर्सिंगहोम में नौकरी कर रही श्रद्धा ने एक्सिस बैंक के एटीएम के लिए आवेदन किया। इसमें उसने उन्नाव से बना आधार लगा दिया। आधार में उन्नाव वाले घर का पता होने से एटीएम उसके घर पहुंचा तो परिजनों में हड़कंप मच गया। परिजनों की सूचना पर पुलिस श्रद्धा की तलाश में लग गई। किसी काम से महाराष्ट्र से ट्रेन द्वारा उन्नाव आ रही श्रद्धा को हिरासत में लिया था।
उन्नाव। शादीशुदा महिला की हत्या में फंसाए गए दिव्यांग को अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर तीन के न्यायाधीश महेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को बरी कर दिया। दिव्यांग पर जिस महिला की हत्या करने का आरोप था, उसे पुलिस ने कुछ समय बाद मुंबई से जीवित बरामद किया था। कोर्ट ने तत्कालीन सीओ व थानाध्यक्ष को विवेचना में लापरवाही का दोषी पाया। उनके विरुद्ध एक माह के भीतर कार्रवाई के लिए डीएम और एसपी को पत्र भेजा है।
मोहल्ला जुराखन खेड़ा निवासी योगेंद्र कुमार अवस्थी ने 20 मार्च 2018 को सदर कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि पत्नी श्रद्धा (23) आठ मार्च 2018 को इंटर की परीक्षा देने गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी। पता चला कि पड़ोस में रहने वाले दिव्यांग मित्र प्रमोद कुमार वर्मा के साथ वह चली गई। पुलिस ने शिकायत पर एनसीआर दर्ज कर खोजबीन शुरू की। इसी दौरान दो अप्रैल 2018 को शेरपुरकला गांव के बाहर नहर किनारे एक 19 वर्षीय युवती का जला हुआ शव मिला था। तत्कालीन प्रधान कृष्णपाल यादव ने अज्ञात लोगों पर हत्या की रिपोर्ट आसीवन थाने में दर्ज कराई थी।
शव जला होने से मौत की वजह स्पष्ट नहीं हुई थी। डॉक्टरों ने डीएनए सैंपल सुरक्षित किया था। 27 मई 2018 को मृतका की चूड़ी, कपड़े व फोटो से योगेंद्र व उसके परिवार के लोगों ने शव श्रद्धा गुप्ता का होने की पुष्टि कर दी। इस पर आसीवन थाना पुलिस ने सदर कोतवाली में दर्ज एनसीआर को भी मुकदमे से जोड़ दिया था। आसीवन थाना के तत्कालीन विवेचक सियाराम वर्मा ने नौ जून 2018 को आरोपी प्रमोद कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया था। विवेचक इंस्पेक्टर सियाराम का स्थानांतरण होने पर विवेचना दरोगा जयशंकर सिंह को मिली।
जयशंकर ने तीन सितंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। वर्ष 2020 में तत्कालीन एसओ राजेश सिंह ने मृत मिली युवती के डीएनए सैंपल का मिलान कराने के लिए श्रद्धा के माता-पिता और बेटी का डीएनए सैंपल लेकर जांच कराई तो मिलान नहीं हुआ। शव श्रद्धा का न होने की पुष्टि हुई। पुलिस की पहल पर अक्तूबर 2020 को प्रमोद वर्मा को जमानत मिल गई थी।
महाराष्ट्र के एक नर्सिंगहोम में नौकरी कर रही श्रद्धा ने एक्सिस बैंक के एटीएम के लिए आवेदन किया। इसमें उसने उन्नाव से बना आधार लगा दिया। आधार में उन्नाव वाले घर का पता होने से एटीएम उसके घर पहुंचा तो परिजनों में हड़कंप मच गया। परिजनों की सूचना पर पुलिस श्रद्धा की तलाश में लग गई। किसी काम से महाराष्ट्र से ट्रेन द्वारा उन्नाव आ रही श्रद्धा को हिरासत में लिया था।
[ad_2]
Source link