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उन्नाव। प्रदेश में इन्फ्लुएंजा के केस बढ़ने के साथ बुखार मरीजों की बढ़ रही संख्या बढ़ रही है। जिले में इस वायरस की जांच की सुविधा ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ऐसे लक्षण पाए जाने पर सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ मेडिकल कालेज भेजा जाएगा। वहीं शासन से जारी हुई गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश सीएमओ ने जिला अस्पताल व सभी सीएचसी और पीएचसी को जारी किए हैं।
जिले में इन्फ्लुएंजा जांच की सुविधा न होने से स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा लक्षण वाले मरीज मिलने पर सैंपल लेकर लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज सैंपल भेजने की कार्ययोजना तय की है। सीएमओ डॉक्टर सत्यप्रकाश ने बताया कि यह वायरस सबसे अधिक वृद्ध और गर्भवतियों को प्रभावित करता है। इसलिए उन्हें भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है। वहीं ओपीडी करने वाले डॉक्टरों और मरीजों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी आपसी दूरी का पालन करें और मास्क जरूर लगाएं। जुकाम, बुखार और खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। आवश्यक होने पर जांच कराएं।
सीएमओ ने बताया कि इन्फ्लुएंजा जांच के लिए सैंपल लखनऊ केजीएमयू भेजा जाएगा। अभी एक भी सैंपल नहीं भेजा गया है। सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर की सलाह पर ही सैंपल की जांच कराई जाएगी।
इन्फ्लूएंजा के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में छह बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। हालांकि अभी तक कोई मरीज न मिलने से इस वार्ड में किसी को भर्ती नहीं किया गया है। सीएमएस ने डॉ. सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस से प्रभावित मरीज मिलने पर अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा। पूरी तैयारी कर ली गई है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में भर्ती होने वाले मरीजों पर नजर डाली जाए तो चार दिन में बुखार के 36 मरीज भर्ती हुए हैं। इसमें 12 मार्च को आठ, 13 मार्च को 16, 14 मार्च को 10 और 15 मार्च को सर्दी, जुकाम और बुखार के दो मरीजों को भर्ती किया गया है।
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