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अचलगंज। लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर बदरका बाईपास के पास तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार दंपती और बेटी सड़क पर गिर पड़े। तभी ट्रक मां और बेटी के सिर के ऊपर से निकल गया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घायल पति को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद भाग रहे ट्रक को पुलिस ने जाजमऊ गंगा पुल के पास पकड़ कर लिया। हादसे के चलते हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। बाइक चला रहा युवक हेलमेट लगाए था।
गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के गांव कटहादल नारायणपुर गांव निवासी छविनाथ राठौर (40) घर पर कपड़े सिलाई का काम करता है। रविवार को पत्नी गीता (36) और बेटी रानी (8) को बाइक से लेकर बीघापुर के बक्सर स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर दर्शन करने गया था। शाम करीब चार बजे लौटते समय बदरका बाईपास पर लखनऊ-कानपुर हाईवे पार करने के लिए वाहनों के रुकने का इंतजार लगा, तभी बदरका की तरफ से आ रहे खाली ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। इससे तीनों सड़क पर गिर गए।
चालक ट्रक लेकर भागा तो पीछे का पहिया गीता और उसकी बेटी रानी के सिर के ऊपर से निकल गया। वहीं छविनाथ का हेलमेट टूट गया। मां-बेटी को रौंदकर चालक ट्रक भगाने लगा, चौराहे पर पिकेट ड्यूटी में तैनात सिपाहियों ने पीछा कर जाजमऊ पुल के पास उसे पकड़ लिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर मां-बेटी के शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा।
थानाध्यक्ष हीरा सिंह ने बताया कि हादसे में मां बेटी की मौत हुई है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। बाइक चला रहे घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चालक और ट्रक कब्जे में है। तहरीर आने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
मां और बहन की मौत से बच्चे बेहाल
हादसे में जान गंवाने वाली गीता के पांच बच्चे हैं। बेटी रानी उसके साथ गई थी। चार बच्चे शबनम (17), सोनम (15), सोनी (12) और छह साल का बेटा प्रिंस (6) घर पर थे। मां व बहन की मौत और पिता की हालत गंभीर होने के सूचना जैसे ही परिवार को मिली चीख-पुकार मच गई। बिलख रहे बच्चों को देख ग्रामीण शांत कराने की कोशिश करते रहे। बच्चे चाचा राजनारायण से बार-बार पूछते रहे कि पापा कब आएंगे। चाचा उन्हें समझाते हुए सीने से लगा लेता।
पत्नी और बेटी की मौत से छविनाथ अनजान
घायल छविनाथ की हालत गंभीर होने से परिजनों ने पत्नी और बेटी की मौत की जानकारी अभी नहीं दी है। परिजनों ने बताया कि छविनाथ कपड़ों की सिलाई करके परिवार का पालन पोषण करता था। बेटी रानी कक्षा चार की छात्रा थी।
अचलगंज। लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर बदरका बाईपास के पास तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार दंपती और बेटी सड़क पर गिर पड़े। तभी ट्रक मां और बेटी के सिर के ऊपर से निकल गया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घायल पति को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद भाग रहे ट्रक को पुलिस ने जाजमऊ गंगा पुल के पास पकड़ कर लिया। हादसे के चलते हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। बाइक चला रहा युवक हेलमेट लगाए था।
गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के गांव कटहादल नारायणपुर गांव निवासी छविनाथ राठौर (40) घर पर कपड़े सिलाई का काम करता है। रविवार को पत्नी गीता (36) और बेटी रानी (8) को बाइक से लेकर बीघापुर के बक्सर स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर दर्शन करने गया था। शाम करीब चार बजे लौटते समय बदरका बाईपास पर लखनऊ-कानपुर हाईवे पार करने के लिए वाहनों के रुकने का इंतजार लगा, तभी बदरका की तरफ से आ रहे खाली ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। इससे तीनों सड़क पर गिर गए।
चालक ट्रक लेकर भागा तो पीछे का पहिया गीता और उसकी बेटी रानी के सिर के ऊपर से निकल गया। वहीं छविनाथ का हेलमेट टूट गया। मां-बेटी को रौंदकर चालक ट्रक भगाने लगा, चौराहे पर पिकेट ड्यूटी में तैनात सिपाहियों ने पीछा कर जाजमऊ पुल के पास उसे पकड़ लिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर मां-बेटी के शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा।
थानाध्यक्ष हीरा सिंह ने बताया कि हादसे में मां बेटी की मौत हुई है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। बाइक चला रहे घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चालक और ट्रक कब्जे में है। तहरीर आने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
मां और बहन की मौत से बच्चे बेहाल
हादसे में जान गंवाने वाली गीता के पांच बच्चे हैं। बेटी रानी उसके साथ गई थी। चार बच्चे शबनम (17), सोनम (15), सोनी (12) और छह साल का बेटा प्रिंस (6) घर पर थे। मां व बहन की मौत और पिता की हालत गंभीर होने के सूचना जैसे ही परिवार को मिली चीख-पुकार मच गई। बिलख रहे बच्चों को देख ग्रामीण शांत कराने की कोशिश करते रहे। बच्चे चाचा राजनारायण से बार-बार पूछते रहे कि पापा कब आएंगे। चाचा उन्हें समझाते हुए सीने से लगा लेता।
पत्नी और बेटी की मौत से छविनाथ अनजान
घायल छविनाथ की हालत गंभीर होने से परिजनों ने पत्नी और बेटी की मौत की जानकारी अभी नहीं दी है। परिजनों ने बताया कि छविनाथ कपड़ों की सिलाई करके परिवार का पालन पोषण करता था। बेटी रानी कक्षा चार की छात्रा थी।
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