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उन्नाव। नए शिक्षा सत्र में ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल पहुंचाना शिक्षकों के लिए चुनौती होगा। पिछले साल की अपेक्षा इस साल डेढ़ गुना अधिक बच्चों को स्कूल पहुंचाने का लक्ष्य शासन से निर्धारित है। कई साल बाद ऐसा हो रहा है कि नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही बच्चों के हाथ में नई किताबें होंगी। विभाग पूरी तरह से तैयारियों में जुटा है कि समय रहते बीआरसी से स्कूलों में किताबें उपलब्ध करा दी जाएं।
एक अप्रैल से नए शिक्षासत्र की शुरुआत हो रही है। शासन से इस बार स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिन्हित कर अधिक से अधिक संख्या में नामांकन कराने के निर्देश हैं। ताकि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। इसके लिए डेढ़ गुना लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्कूलों में कायाकल्प के साथ बैठने की उचित व्यवस्था कराई जा रही है। हर साल शिक्षा सत्र शुरू होने के करीब तीन से चार महीने बाद तक किताबें आ पाती थीं। इस बार सत्र शुरू होने से पहले ही किताबों को भेज दिया गया है। बीआरसी से किताबों के बंडल बनाकर स्कूल भेजे जा रहे हैं। बता दें कि जिले में 2709 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इसमें 1883 प्राथमिक, 451 उच्च प्राथमिक और 375 कंपोजिट विद्यालय संचाति हैं। इन स्कूलों में अभी 2.20 लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं।
बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि ड्रॉप आउट बच्चों के चिन्हांकन के लिए शिक्षकों को ग्रामप्रधानों से बात करने के साथ घर-घर सर्वे के निर्देश हैं। ताकि अधिक से अधिक बच्चे स्कूल जा सकें। साथ स्कूल चलो अभियान के तहत रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस साल किताबें पहले आ गई हैं। उन्हें भी भेजने के प्रयास चल रहे हैं।
दो साल के स्कूल लाए गए ड्रॉप आउट बच्चों का आंकड़ा
शिक्षासत्र 2020-21 में 8000
शिक्षासत्र 2022-23 में 10809
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