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उन्नाव। रेलवे का सामान चोरी कर बिक्री करने के मामले में दोषी पाए जाने पर न्यायाधीश ने तीन लोगों को चार-चार साल की सजा सुनाई है। मामले में 14 साल बाद फैसला आया है।
14 वर्ष पूर्व अजगैन कोतवाली के तत्कालीन कोतवाली प्रभारी दुर्गेश मिश्रा 26 अप्रैल 2008 को टीम के साथ दबिश पर निकले थे। इसी दौरान अशोक द्विवेदी की कबाड़ की दुकान पर छापा मारा। मौके पर गांधीनगर निवासी राम बाबू, प्रमोद और रवनहार गांव निवासी धनराज मिले। पूछताछ में आरोपियों की निशानदेही पर रेलवे से चोरी किया लोहा व कीमती उपकरण बरामद हुए थे।
तीनों को पुलिस ने जेल भेजा था। शुक्रवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई के दौरान सरकारी वकील यशवंत सिंह की दलीलों को सुनने के बाद अपर जिला जज कोर्ट संख्या छह के न्यायाधीश आलोक शर्मा ने राम बाबू , प्रमोद कुमार और धनराज को चार-चार साल कारावास और 80 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
उन्नाव। रेलवे का सामान चोरी कर बिक्री करने के मामले में दोषी पाए जाने पर न्यायाधीश ने तीन लोगों को चार-चार साल की सजा सुनाई है। मामले में 14 साल बाद फैसला आया है।
14 वर्ष पूर्व अजगैन कोतवाली के तत्कालीन कोतवाली प्रभारी दुर्गेश मिश्रा 26 अप्रैल 2008 को टीम के साथ दबिश पर निकले थे। इसी दौरान अशोक द्विवेदी की कबाड़ की दुकान पर छापा मारा। मौके पर गांधीनगर निवासी राम बाबू, प्रमोद और रवनहार गांव निवासी धनराज मिले। पूछताछ में आरोपियों की निशानदेही पर रेलवे से चोरी किया लोहा व कीमती उपकरण बरामद हुए थे।
तीनों को पुलिस ने जेल भेजा था। शुक्रवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई के दौरान सरकारी वकील यशवंत सिंह की दलीलों को सुनने के बाद अपर जिला जज कोर्ट संख्या छह के न्यायाधीश आलोक शर्मा ने राम बाबू , प्रमोद कुमार और धनराज को चार-चार साल कारावास और 80 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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