[ad_1]
औरास। नवजात बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जन्म के दो साल बाद तक का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान पोषण का ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है। इसलिए मां के दूध के साथ पूरक आहार देना बहुत जरूरी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ अनूप तिवारी ने बताया बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए शुरू के यानि गर्भकाल के (270) दिन और बच्चे के जन्म के बाद दो साल (730) दिन तक का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान पोषण का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। बच्चे के सही पोषण से संक्रमण, विकलांगता व बीमारियों की संभावना को कम करके जीवन में विकास की नींव रखी जा सकती है। उन्होंने बताया मां और बच्चे के सही पोषण से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और बच्चा स्वस्थ जीवन जी सकेगा। परिवारों में छह माह के बाद अन्नप्राशन की पृथा इसीलिए रखी गई है। बताया बच्चे की डाइट में परिवर्तन करना और उनकी डाइट में अलग अलग चीजों को शामिल करना बेहद आवश्यक है। छह माह तक बच्चे को मां का दूध ही पिलाना चाहिए। पानी,घुट्टी या शहद आदि नहीं देना चाहिए। बच्चे को सारी चीजें मां के दूध से ही प्राप्त हो जाती हैं।
क्या क्या खिलाएं
– प्रारंभ में नरम खिचड़ी दो से तीन चम्मच दिन में दो तीन बार खिलाएं।
– नौ माह तक के बच्चों को मसला हुआ आहार दिन में चार पांच चम्मच से लेकर आधी कटोरी तक दें।
– नौ से बारह महीने तक के बच्चों को अच्छी तरह से कतरा हुआ आहार दिन में चार पांच बार दें।
– बारह से चौबीस महीने तक के बच्चों को अच्छी तरह से कतरा व मसला हुआ एक कटोरी नाश्ता दिन में दो बार व भोजन तीन चार बार दे।
[ad_2]
Source link