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बेहटामुजावर। शारदा नहर से निकले माइनर में गौरियाकला के पास कटी खांदी को 24 घंटे बाद भी बांधा नहीं जा सका। पानी से 300 बीघे में बोई गई फसलों में भर गया। इससे गेहूं की सड़ने से नुकसान की आशंका से किसान परेशान हो रहे हैं।
गुरुवार सुबह गौरियाकला के पास माइनर की खांदी कट गई थी। खांदी कट जाने से प्रदीप मिश्रा, राजेश कनौजिया, पीर मोहब्बत, अंकुश कनौजिया, श्याम कुमार मिश्र, संतोष मिश्र, रज्जन लल कनौजिया, मुनीम कनौजिया, हजारी यादव, हेमराज वर्मा, निखिल मिश्र, जगदीश सैनी, जलाल मोहम्मद, सिवाधार पाल सहित आसपास के किसानों की 50 बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। किसानों ने इसकी सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी थी लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई खांदी बांधने नहीं पहुंचा।
बहाव तेज होने से पानी का दायरा बढ़कर 300 बीघा में पहुंच गया और बोई गई गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। इससे किसानों में आक्रोश है। शारदा नहर विभाग के एक्सईएन दीपक यादव टीम को मौके पर भेजा गया है। खांदी की मरम्मत कराई जा रही है।
बेहटामुजावर। शारदा नहर से निकले माइनर में गौरियाकला के पास कटी खांदी को 24 घंटे बाद भी बांधा नहीं जा सका। पानी से 300 बीघे में बोई गई फसलों में भर गया। इससे गेहूं की सड़ने से नुकसान की आशंका से किसान परेशान हो रहे हैं।
गुरुवार सुबह गौरियाकला के पास माइनर की खांदी कट गई थी। खांदी कट जाने से प्रदीप मिश्रा, राजेश कनौजिया, पीर मोहब्बत, अंकुश कनौजिया, श्याम कुमार मिश्र, संतोष मिश्र, रज्जन लल कनौजिया, मुनीम कनौजिया, हजारी यादव, हेमराज वर्मा, निखिल मिश्र, जगदीश सैनी, जलाल मोहम्मद, सिवाधार पाल सहित आसपास के किसानों की 50 बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। किसानों ने इसकी सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी थी लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई खांदी बांधने नहीं पहुंचा।
बहाव तेज होने से पानी का दायरा बढ़कर 300 बीघा में पहुंच गया और बोई गई गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। इससे किसानों में आक्रोश है। शारदा नहर विभाग के एक्सईएन दीपक यादव टीम को मौके पर भेजा गया है। खांदी की मरम्मत कराई जा रही है।
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