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संवाद न्यूज एजेंसी, उन्नाव
Updated Wed, 03 May 2023 01:17 AM IST
सफीपुर (उन्नाव)। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह करने वाले युवक आनंद मिश्रा की मौत के मामले में परिजनों की सफीपुर विधायक पर एफआईआर की मांग को अधिकारियों ने खारिज कर दिया। अधिकारियों द्वारा 2021 में मृतक के भाई से हुई मारपीट में पड़ोसी व उसके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने समेत अन्य मांगें मानने के बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए। मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे अंतिम संस्कार के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
डेढ़ साल पहले मारपीट की घटना में सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर के दबाव में रिपोर्ट दर्ज न होने का आरोप लगाने वाले माखी थानाक्षेत्र के गांव रनागढ़ी निवासी आनंद मिश्रा उर्फ रामसेवक ने 26 अप्रैल को लखनऊ के गौतमपल्ली थानाक्षेत्र स्थित मुख्यमंत्री के आवास के पास पहुंचकर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली थी। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 30 अप्रैल की रात आनंद की मौत हो गई थी। सोमवार शाम 3:40 बजे परिजन शव गांव लेकर आए। वे आनंद द्वारा मौत से पहले विधायक पर लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग पूूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़ गए थे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक परिजनों को समझाते रहे लेकिन वे तैयार नहीं हुए। मंगलवार को सुबह मृतक के बड़े भाई राजू ने एडीएम से मारपीट की घटना में पड़ोस में रहने रामप्रसाद और उसके बेटे महेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही परिवार को सहायता राशि की मांग की। एडीएम नरेंद्र सिंह ने थाना पुलिस को 2021 की घटना की एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद परिजन शांत हुए और मंगलवार दोपहर 12:30 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दोपहर डेढ़ बजे परियर गंगाघाट पर अंतिम संस्कार किया। सफीपुर सीओ ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि मृतक के बड़े भाई राजू की तहरीर पर मारपीट की घटना में पड़ोसी रामप्रसाद और उसके बेटे महेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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