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उन्नाव। झाड़-फूंक के शक में पत्नी की हत्या करने वाले नन्हकऊ प्रसाद ने पश्चाताप और जेल जाने के डर से ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली। मंगलवार रात पुलिस को उसका शव उन्नाव-रायबरेली रेल मार्ग पर गांव से सौ मीटर दूर मिला। चौबीस घंटे के अंतराल में माता-पिता दोनों की मौत से बेटे बेहाल हैं।
सदर कोतवाली के इब्राहिम बाग मोहल्ला निवासी किशन दुलारी (60) की सोमवार रात उसके ही पति नन्हकऊ प्रसाद (65) ने झाड़-फूंक के शक में विवाद के दौरान सिर पर हथौड़े व चेहरे पर चाकू से वार हत्या कर दी थी। घटना के बाद हत्यारोपी भाग निकला था। मृतक के बेटे मुन्नूलाल ने पिता के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हत्यारोपी पति की तलाश में पुलिस शहर में संभावित स्थानों व रिश्तेदारों के यहां दबिश दे रही थी। मंगलवार शाम करीब सात बजे पुलिस को उसके मोबाइल की लोकेशन कानपुर मिली थी।
पुलिस गिरफ्तारी के प्रयास कर ही रही थी कि रात करीब 11:30 बजे घर से 100 मीटर दूर रेलवे क्रासिंग के पास किसी शख्स के आत्महत्या कर लेने की सूचना आरपीएफ को मिली। आरपीएफ और कोतवाली पुलिस घटनास्थल पर पहुंचीं तो उसकी पहचान नन्हकऊ के रूप मेें हुई। पुलिस ने उसके बेटे मुन्नूलाल को जानकारी दी और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बुधवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि अनुमान है कि पत्नी की हत्या के बाद आत्मग्लानि के चलते हत्यारोपी ने आत्महत्या की है। सभी संभावित बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
हत्या के पीछे झाड़-फूंक कराने की बात सामने आने पर पुलिस ने रात में ही दही थानाक्षेत्र स्थित उस तंत्रमंत्र वाले को उसके घर से उठा लिया था। हत्या करने के बाद जिस पिकअप में बैठकर हत्यारोपी कानपुर भागा था, उसके चालक को भी पुलिस ने उठा लिया था। दोनों से पूछताछ हो रही है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे इन दोनों की संलिप्तता है या नहीं, इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं मुन्नूलाल ने माता-पिता की मौत के बाद पुलिस से पूछताछ के लिए उठाए गए दोनों लोगों को छोड़ने की गुहार की है।
पति-पत्नी के बीच कई साल से इतनी अनबन थी कि नन्हकऊ अपनी पत्नी किशनदुलारी के हाथ का बना खाना नहीं खाता था। बेटे मुन्नूलाल ने पुलिस को बताया कि पिता, मां पर हद से ज्यादा शक करते थे। स्थिति यह थी कि उनके हाथ का बना खाना तक नहीं खाते थे। वह कहते थे कि तंत्रमंत्र कराकर वह भोजन के बहाने कुछ भी खिला सकती है। पिता अपने लिए खुद ही खाना बनाते थे और मां हम सभी के लिए अलग खाना बनाती थीं। समझाने पर कई बार मान भी गए लेकिन, हफ्ते-दस दिन में आरोप-प्रत्यारोप के दौरान दोनों में फिर झगड़ा हो जाता।
गंगातट पर दफनाए गए शव किशनदुलारी की हत्या के बाद मंगलवार शाम शव का पोस्टमार्टम हो जाने के बाद बेटे व परिजन शव लेकर घर चले गए थे। परिवार के लोग ओमान देश में काम करने वाले तीसरे नंबर के बेटे दिनेश के आने का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार रात जैसे ही पिता के आत्महत्या करने की जानकारी हुई, वह बेहाल हो गए। आनन-फानन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। बुधवार दोपहर करीब एक बजे तक शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पहले मां के शव को जाजमऊ गंगाघाट पहुंचाया, कुछ देर बाद पिता का शव लेकर गंगाघाट पहुंचे। दोनों के शव को आसपास ही मिट्टी में दफनाया।
मुन्नूलाल ने बताया कि माता-पिता के नाम अलग-अलग स्थानों पर जमीन है। इसमें पिता के नाम गांव में ही एक बीघा और मां के नाम बीघापुर कोतवाली क्षेत्र के पाटन में एक बीघा चार बिस्वा जमीन है। अलग-अलग जमीनों में जो अन्न होता था। अपनी अपनी जमीन का अनाज बेचकर पैसा अपने पास रखते थे।
उम्र के आखिरी पड़ाव पर पत्नी-पत्नी के बीच शक ने जिंदगी में ऐसा जहर घोला कि दोनों एक दूसरे की मौत की वजह बन गए। आवेश में आकर बुजुर्ग पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद आत्मग्लानि में अपनी भी जिंदगी खत्म कर लगी।
पति-पत्नी की मौत की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है। लोगों का कहना है कि जिस उम्र में दोनों को अपने बेटों और छोटों को गलत सही का फर्क बताना और संयम से काम लेने की बातें समझानी थीं, उस उम्र में बुजुर्ग ने गुस्से में पत्नी की हत्या जैसा जघन्य अपराध कर डाला। इसके बाद अपने जीवन का भी दुखद अंत कर लिया।
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