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उन्नाव। बारासवगर थानाक्षेत्र के कांटी गांव निवासी युवक का शव घर के कमरे में फंदे से लटका मिला। छोटे भाई के अनुसार, एक साल से अलग रह रही पत्नी से फोन पर बात करने के दौरान विवाद हुआ था। इसके बाद बड़े भाई ने खुदकुशी कर ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले में फंदा कसने का निशान नहीं मिला है। विसरा सुरक्षित किया गया है।
बारासगवर थानाक्षेत्र के गांव कांटी निवासी दिनेश कुमार (30) का पत्नी अर्चना से कई साल से परिवार की ही एक महिला को लेकर विवाद चल रहा था। एक साल पहले दिनेश, एक कंपनी में काम करने दिल्ली चला गया था। इसके बाद से पत्नी अर्चना भी उन्नाव शहर में किराए का कमरा लेकर अपने छह साल के बेटे आयुष के साथ रहने लगी। वह एक निजी स्कूल में आया का काम करती है। एक महीने पहले दिनेश दिल्ली से गांव लौटा था। छोटे भाई दीपक के अनुसार, इसके बाद भी भाभी अर्चना ससुराल नहीं आई। भाई-भाभी में कई दिनों से फोन पर बातचीत और विवाद हो रहा था। शनिवार देर शाम को भी विवाद हुआ था। रात करीब दस बजे कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिनेश ने साड़ी का फंदा कस लिया।
भाई के अनुसार, रात करीब 11:30 बजे नींद खुली तो कमरे की खिड़की से भाई को फंदे से लटका देखा। दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह अंदर से बंद था। इसके बाद परिजनों की मदद से दरवाजा तोड़कर फंदे से उतारा गया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना देकर पुलिस को बुलाया। पति की मौत की जानकारी पर पत्नी अर्चना रविवार सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और इसके बाद ससुराल गई।
दिनेश पांच भाई बहनों में चौथे नंबर का था। बेटे की मौत से मां सोमवती, पिता सर्वेश कुमार सहित पूरा परिवार बेहाल है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले में फंदा कसने के निशान नहीं मिले हैं, इससे विसरा सुरक्षित किया गया है। बारासगवर एसओ राजपाल ने बताया कि परिजनों ने आत्महत्या की सूचना दी थी। तफ्तीश और पोस्टमार्टम के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश के छोटे भाई दीपक ने बताया कि भाभी अर्चना ने 18 मई को थाने में प्रार्थनापत्र दिया था। भाई पर आरोप लगाया था कि वह उन्हें साथ नहीं रखते। जब वह साथ रहने को कहती हैं तो विवाद करते हैं। पुलिस ने थाने बुलाकर पति-पत्नी की बात सुनी थी और दोनों को एक साथ रहने को कहा था। इस पर भाभी अर्चना केवल एक दिन ही ससुराल में रही और दूसरे दिन बेटे को लेकर उन्नाव चली गई।
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