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संवाद न्यूज एजेंसी, उन्नाव
Updated Sun, 14 May 2023 01:47 AM IST
उन्नाव। कभी सपा का गढ़ कहे जाने वाले जिले में एक नगर पालिका तक सीमित रह गई सपा, इस निकाय चुनाव में पूरी तरह साफ हो गई। एक मात्र उन्नाव नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी भी उसके हाथ से फिसल गई। जानकारों का मानना है कि अगर सपा के परंपरागत वोटों में बिखराव न होता तो एक बार फिर उसकी जीत होती।
इसकी मुख्य वजह रही एआईएमआईएम और कांग्रेस। ओवैसी की जिस पार्टी की प्रत्याशी का शहर में प्रचार नहीं दिखा। मतदान में कहीं बस्ता तक नहीं लगा उस पार्टी की झोली में मतदाताओं ने 6120 वोट डाल दिए। यह मुस्लिम वोट शहर में सपा के परंपरागत वोट रहे हैं। वहीं बाकी की कसर कांग्रेस ने पूरी कर दी। विधानसभा चुनाव में डेढ़ हजार वोटों में सिमट कर रह गई कांग्रेस को 7924 वोट मिले। काग्रेस को अधिकांश वोट मुस्लिम आबादी बाहुल्य वार्डों से मिले। एआईएमआईएम और कांग्रेस ने इसबार 14044 वोट हांसिल किए हैं।
राजनीतक जानाकारों का मानना है कि अगर सपा को इन परंपरागत वोटों में से आधे भी मिल जाते तो 17829 वोटों तक सिमटी सपा प्रत्याशी को एक बार फिर उन्नाव नगर पालिका में जीत का प्रमाणपत्र मिल जाता। (संवाद)
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