Unnao News: पीकू वार्ड बंद देख नाराज हुईं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य

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उन्नाव। जिला अस्पताल में बनी बर्न यूनिट की पहली मंजिल पर बना पीकू(पेडियॉट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड बंद देख बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य का पारा चढ़ गया। कहा कि बंद होने के लिए वार्ड नहीं बनवाए गए हैं। सीएमएस ने स्टाफ कम होने की बात कही।
बाल संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल जिला अस्पताल पहुंचीं। वार्ड में भर्ती कुपोषित बच्चों का हाल जाना। बच्चों की माताओं से खानपान की जानकारी ली। उसके बाद वह बच्चों के खेलने के लिए बने कक्ष में पहुंची। उपकरणों में धूल जमी थी। धूल देख सफाई व्यवस्था पर नाराज हुईं।
वार्ड नंबर एक में भर्ती बच्चे के तीमारदार पुरवा के दलीगढ़ी निवासी नूर बानो ने बताया कि डॉक्टर समय पर नहीं आते। इस पर सीएमएस डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव से इसमें सुधार के निर्देश दिए। महिला अस्पताल की सफाई कर्मियों ने ठेकेदारी प्रथा से तैनात सफाई कर्मी निशा और उसके पति रिंकू सोनकर पर मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
महिला अस्पताल की सीएमएस अंजू दुबे को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। उसके बाद वह बर्न यूनिट की पहली मंजिल पर बने पीकू वार्ड पहुंची। वहां ताला बंद देख पारा चढ़ गया। कहा ताला बंद करने के लिए वार्ड नहीं बना है। इसका संचालन कराया जाए।
वन स्टाफ सेंटर का निरीक्षण कर वहां पहुंचने वाली बच्चियों और किशोरियों की जानकारी ली। उसके बाद वह सिविल लाइन स्थित प्राथमिक स्कूल पहुंचीं। शिक्षकों की कमी मिली। साथ ही फर्श भी टूटा था। सिकंदरपुर सरोसी के गांव बौनामउ आंगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के दौरान चहारदीवारी टूटी मिली। शाम तीन बजे विकास भवन सभागार में अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा की।
इस दौरान सीओ आशुतोष कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी रेनू यादव, नीलम सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी संजय कुमार मिश्र सहित अन्य अधिकारी रहे।

तीन महीने से हैं भर्ती, नहीं हुआ सही इलाज
वार्ड नंबर एक के बेड नंबर 34 पर भर्ती छोटा चौराहा निवासी मोनी के पिता नन्हकऊ अधिकारी देख बिलख पड़े। बताया कि बेटी न्यूरो की दिक्कत होने पर सात अक्तूबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, तब से लगातार भर्ती है। सीएमएस से जानकारी ली तो पता चला कि न्यूरो का कोई डॉक्टर नहीं है। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश को निर्देश दिए कि हैलट बात कर मरीज को वहां भर्ती कराएं ताकि उसका बेहतर इलाज हो सके।

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उन्नाव। जिला अस्पताल में बनी बर्न यूनिट की पहली मंजिल पर बना पीकू(पेडियॉट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड बंद देख बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य का पारा चढ़ गया। कहा कि बंद होने के लिए वार्ड नहीं बनवाए गए हैं। सीएमएस ने स्टाफ कम होने की बात कही।

बाल संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल जिला अस्पताल पहुंचीं। वार्ड में भर्ती कुपोषित बच्चों का हाल जाना। बच्चों की माताओं से खानपान की जानकारी ली। उसके बाद वह बच्चों के खेलने के लिए बने कक्ष में पहुंची। उपकरणों में धूल जमी थी। धूल देख सफाई व्यवस्था पर नाराज हुईं।

वार्ड नंबर एक में भर्ती बच्चे के तीमारदार पुरवा के दलीगढ़ी निवासी नूर बानो ने बताया कि डॉक्टर समय पर नहीं आते। इस पर सीएमएस डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव से इसमें सुधार के निर्देश दिए। महिला अस्पताल की सफाई कर्मियों ने ठेकेदारी प्रथा से तैनात सफाई कर्मी निशा और उसके पति रिंकू सोनकर पर मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

महिला अस्पताल की सीएमएस अंजू दुबे को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। उसके बाद वह बर्न यूनिट की पहली मंजिल पर बने पीकू वार्ड पहुंची। वहां ताला बंद देख पारा चढ़ गया। कहा ताला बंद करने के लिए वार्ड नहीं बना है। इसका संचालन कराया जाए।

वन स्टाफ सेंटर का निरीक्षण कर वहां पहुंचने वाली बच्चियों और किशोरियों की जानकारी ली। उसके बाद वह सिविल लाइन स्थित प्राथमिक स्कूल पहुंचीं। शिक्षकों की कमी मिली। साथ ही फर्श भी टूटा था। सिकंदरपुर सरोसी के गांव बौनामउ आंगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के दौरान चहारदीवारी टूटी मिली। शाम तीन बजे विकास भवन सभागार में अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा की।

इस दौरान सीओ आशुतोष कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी रेनू यादव, नीलम सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी संजय कुमार मिश्र सहित अन्य अधिकारी रहे।



तीन महीने से हैं भर्ती, नहीं हुआ सही इलाज

वार्ड नंबर एक के बेड नंबर 34 पर भर्ती छोटा चौराहा निवासी मोनी के पिता नन्हकऊ अधिकारी देख बिलख पड़े। बताया कि बेटी न्यूरो की दिक्कत होने पर सात अक्तूबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, तब से लगातार भर्ती है। सीएमएस से जानकारी ली तो पता चला कि न्यूरो का कोई डॉक्टर नहीं है। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश को निर्देश दिए कि हैलट बात कर मरीज को वहां भर्ती कराएं ताकि उसका बेहतर इलाज हो सके।



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