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पाटन। बक्सर गांव के पास सुनसान स्थान पर बड़े हॉलनुमा झोपड़ी में हो रही प्रार्थना सभा का रविवार को कवरेज करने पहुचे एक पत्रकार के साथ संचालक व परिवार के लोगों ने मारपीट की। पुलिस ने प्रार्थना सभा होने की बात कही, हालांकि धर्मांतरण के आरोप गलत बताया।
बारासगवर थानाक्षेत्र के जगतपुर गांव के पास संचालित हो रही इसाई प्रार्थनासभा में रविवार को हंगामा हो गया। करवरेज करने गए एक पत्रकार के साथ संचालक व उसके परिवारीजनों मारपीट की। मोबाइल की वीडियो क्लिप डिलीट करा दी। पीड़ित ऋषभ द्विवेदी के अनुसार हमलावरों ने उन्हें बंधक बनाया और छेड़छाड़, लूट, एससी/एसटी एक्ट जैसी धाराओं में कार्रवाई की धमकी भी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ग्राम प्रधान और पत्रकार को थाने लाई। जानकारी होने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध जताया। थानाध्यक्ष राजपाल ने बताया कि आपसी विवाद हुआ था। बाद में दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया।
प्रार्थनासभा में धर्म परिवर्तन की कई दिनों से चर्चा हो रही थी। स्थानीय पुलिस ने घटना में उच्चाधिकारियों को भी गुमराह किया। पत्रकार के साथ घटना और पुलिस के रवैये को लेकर हुए ट्वीट पर पहले पुलिस के ट्वीटर हैंडल से धर्म परिवर्तन और प्रार्थना सभा से इन्कार किया। बाद में तमाम लोगों ने जब प्रार्थना सभा के वीडियो टैग करने शुरू कर दिए तो पुलिस ने यू टर्न लेते हुए प्रार्थना सभा में धर्म परिवर्तन से इन्कार करते करते हुए प्रार्थना सभा का संचालन होने और आदित्य डिसूजा की उपस्थिति स्वीकार की।
अपर पुलिस अधीक्षक शशिशेखर सिंह ने बताया कि सुनसान स्थान पर प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा जैसी गतिविधि चलने की सूचना मिली थी। 150 मीटर दूर सादी वर्दी में पुलिस लगाई गई थी। बताया कि खुफिया पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। किसी तरह की गोपनीय धार्मिक गतिविधि को नहीं होने दी जाएगी। जो भी ऐसा करते पाया गया, सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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