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उन्नाव। बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने पर रविवार को युवती की हालत बिगड़ गई। परिजन युवती को जिला अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल में बुखार और डायरिया से पीड़ित दो सगे भाई सहित छह का इलाज चल रहा है। डॉक्टर इस समय इन्फ्लूएंजा वायरस का खतरा बता रहे हैं। जिले में इसकी जांच न होने से इन मरीजों का चिह्नाकन नहीं हो पा रहा है।
ब्लॉक सिकंदरपुरकर्ण के कोरारी गांव निवासी अमीना (26) को दो दिन से बुखार आ रहा था। पैरासीटामॉल खाकर वह काम चला रही थी। रविवार सुबह बुखार के साथ सांस लेने की तकलीफ होने पर मां रमजाना उसे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लेकर लाई। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। रमजाना ने बताया कि बेटी तीन भाईयों में दूसरे नंबर की थी। वहीं, उल्टी-दस्त के साथ बुखार आने पर शुक्लागंज निवासी विनय त्रिपाठी ने अपने दो बच्चों में विनायक (8) और कवीश (5) को भर्ती कराया है। सिविल लाइन मोहल्ला निवासी विनोद त्रिवेदी (50), जेल में पॉक्सो की सजा काट रहे जैतीपुर निवासी शशी कुमार (40), माखी के बबुरिया निवासी राजू (48) और आवास विकास मोहल्ला निवासी सर्वेश साहू ने बेटी परी (10) को पेट दर्द के साथ दस्त और बुखार आने पर भर्ती कराया गया है।
फिजीशियन डॉ. आशीष सक्सेना ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ बुखार, उल्टी और दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इन्फ्लूएंजा जांच न होने से इस बीमारी के मरीजों की पहचान नहीं हो पा रही है।
इन्फ्लूएंजा के लक्षण
ठंड लगना, खांसी, बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, गले में दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, छींक आना और नाक बहना इसके सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, लगातार बुखार और भोजन करते समय गले में दर्द होता है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
बचाव के उपाय
– घर पर रहें। जितना हो सके, लोगों के संपर्क में आने से बचें।
– गर्म रहने की कोशिश करें और जितना हो सके आराम करें।
– अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
– शराब का सेवन व धूम्रपान न करें।
– बीमारी अवस्था में भी थोड़ा खाना जरूर खायें।
– अगर अकेले रहते हैं, तो किसी पड़ोसी, मित्र या रिश्तेदार को अवश्य बताएं कि आपको फ्लू है।
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