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अजगैन। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष के आह्नान पर एक मार्च से लेखपालों ने आय, जाति और निवास प्रमाणपत्रों के लिए जरूरी आख्या देना बंद कर दिया है। ऐसे में पोर्टल के जरिए यह प्रमाणपत्र नही बन पा रहे हैं। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जिले के लेखपालों को साल 2019 से आय, जाति और निवास और साल 2012 से क्राप कटिंग व कृषि गणना का भुगतान नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण पटेल के आह्वान पर जिले के लेखपालों ने एक मार्च 2023 से आय, जाति और निवास प्रमाणपत्रों के लिए जरूरी आख्या देना बंद कर दिया था। इसके बाद से ई-डिस्ट्रक्टि पोर्टल के जरिए यह प्रमाणपत्र नही बन पा रहे हैं। ऐसे में सरकारी कामों और नौकरी के लिए फार्म भरने वाले छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एतबारपुर गांव के मोनू अवस्थी ने बताया कि बेटे का अप्रैल को स्कूल में दाखिला कराना है जिसमें इन दस्तावेजों की मांग की गई है लेकिन जरूरी प्रपत्र नहीं बन पा रहे हैं।
सोहरामऊ गांव के अजीत ने बताया उन्हें पुलिस भर्ती के लिए आवेदन करना है। इसमें जाति और निवास प्रामण पत्र मांगा गया है। वह तहसील और ब्लाक के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अबतक नहीं बन पाया।
एसडीएम हसनगंज अंकित शुक्ला ने बताया कि लेखपालों के मानदेय को लेकर कुछ समस्याएं है। इन्हें जल्द दूर कर आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र बनना चालू कराया जाएगा।
सदर तहसील में उत्तरप्रदेश लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण पटेल के नेतृत्व में लेखपाल संघ की बैठक हुई। इसमें तहसीलों के पदाधिकारी व लेखपाल मौजूद रहे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि संघ के सदस्यों ने जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे को ज्ञापन देकर लंबे समय से मानदेय नही मिलने की जानकारी देकर बताया गया था कि यदि एक मार्च तक मानदेय नही मिला तो सभी लेखपाल आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र और आईजीआरएस का निस्तारण कार्य बंद कर देंगे। इसके बाद भी अबतक समस्या का निराकरण नही किया गया है। कहा कि जल्द से जल्द समस्या का निराकरण न होने पर सभी लेखपाल आंदोलन करेंगे।
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