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उन्नाव। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में चयनित 20 गांवों में विकास कार्य कराने का पेंच दो विभागों के बीच फंसा है। सोलर प्लांट लगवा चुके समाज कल्याण विकास विभाग ने विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग की बताकर खुद का पल्ला झाड़ लिया है। वहीं पंचायतीराज विभाग के अधिकारी इस संबंध में किसी प्रकार का शासनादेश न मिलने की बात कह रहे हैं।
40 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में विकास कार्यों की गंगा बहाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना शुरू की है। वर्ष 2020 में शुरू हुई योजना की जिम्मेदारी जिला समाज कल्याण विकास विभाग को सौंपी गई थी। पहले चरण में 20 गांव चयनित किए हुए थे। इनमें ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक गांव को 20-20 लाख की धनराशि निर्धारित की गई थी। समाज कल्याण विकास विभाग ने आरओ प्लांट लगाने के लिए यूपी कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रेक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) संस्था को पैसा दिया था। वर्तमान में विभाग का दावा है कि सभी गांवों प्लांट लगाया जा चुका है। हालांकि इसके बाद दूसरे चरण में गांवों में विकास कार्य कराए जाने हैं लेकिन यह कराएगा कौन, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। समाज कल्याण विकास विभाग जहां पंचायतीराज विभाग की जिम्मेदारी बता रहा है।
जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ. निरीश चंद्र साहू ने बताया कि उनके पास इस संबंध में कोई शासनादेश नहीं है। न ही प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में चयनित गांवों में विकास कार्य कराने के लिए कोई अतिरिक्त बजट ही मिला है।
यह कराए जाने हैं कार्य
बिजली, सडक़, स्वास्थ्य, शिक्षा, शौचालय, विद्यालय सहित स्वच्छ ईधन, कृषि पद्धतियां, वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण आजीविका, कौशल विकास।
ये गांव हुए चयनित
ब्लाक बांगरमऊ के कुरसठ ग्रामीण, गौरियाकला, मियागंज का मुजफ्फरपुर सर्रा, कुलहा अटौरा, औरास का नंदौली, हाजीपुर गोसा, धमियाना, बरादेव, पुरथ्यावां, हसनपुर पश्चिमगांव, हसनगंज का धौरा, ऊंचद्वार, सैदपुर, हाजीपुर तरेहा, बीबीपुर चिरयारी, हरियावर, बीघापुर का कुंभी, असोहा का समाधा, नवाबगंज का सेरसा, सुमेरपुर का हमीरपुर।
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