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फर्रूखाबाद। शिक्षकों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की बैठक हुई। बैठक में शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण न होने पर चरणबद्ध आंदोलन चलाने की रूपरेखा तय की गई। तीन सदस्यीय संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन को धार देने पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में जनपदीय संघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसमें सुनीत दीक्षित को संयोजक, कल्पना वर्मा और विजेंद्र पाल सिंह को सह संयोजक मनोनीत किया गया।
नेकपुर कलां स्थित जिलाध्यक्ष संजय तिवारी के आवास पर हुई बैठक में सात चरणों में आंदोलन चलाने पर चर्चा हुई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षकों की समस्याओं को उठाया जाएगा। शिक्षकों से ग्रीष्मकाल के दौरान भी कार्य लिया जा रहा है। इसके बावजूद कोई सहूलियत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में जिले में संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा। दूसरे चरण में स्कूल महानिदेशक से प्रांतीय समिति बातचीत करेगी। तीसरे चरण में शांतिमार्च निकाल कर ज्ञापन दिया जाएगा। चौथे चरण में प्रदेश मुख्यालय पर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन होगा। पांचवें चरण में समीक्षा बैठक, छठे चरण में प्रदेश मुख्यालय पर धरना और सातवें चरण में पैदल मार्च कर विधानसभा का घेराव होगा। कहा कि पुरानी पेेंशन बहाली और राज्य कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने की मांग प्रमुख रहेगी। बैठक में पुष्पा सिंह ,हिमलेश शाक्य, मनोज सक्सेना, कल्पना वर्मा, हिमलेश शाक्य, संतोष कुमार मौजूद रहे।
यह हैं मांगे….
गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति, वीडियो कॉल- वॉयस कॉल के माध्यम से ऑनलाइन निरीक्षण पर रोक, प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद सृजित कर पदोन्नति, पारस्परिक- अंतरजनपदीय स्थानांतरण, उपार्जित अवकाश, हाफ डे लीव, सामूहिक बीमा योजना, दुर्घटना बीमा कवर, उच्च प्राथमिक विद्यालय / कम्पोजिट विद्यालय में विषय वार शिक्षकों की नियुक्ति, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, प्रतिकर अवकाश, विद्यालय समय में परिवर्तन, पितृ विसर्जन, नवरात्रि के प्रथम दिवस, दुर्गा अष्टमी व धनतेरस का अवकाश भी करने की मांग की जाएगी। कहा कि प्रभारी प्रधानाध्यापक से प्रधानाध्यापक का कार्य पूरी तरह से लिया जा रहा है। काम पूरा न होने पर दंड भी मिलता है। इसके फलस्वरूप प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक का वेतन दिए जाने, शिक्षामित्रों की प्रमुख समस्याएं, अंशकालिक अनुदेशकों की मांगे, रसोइयों को 11 माह का मानदेय देने, विद्यालय में चौकीदार की नियुक्ति करने, शिक्षक एमएलसी निर्वाचन में मताधिकार दिलाने की मांगों को पूरे जोर-शोर से उठाया जाएगा।
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