[ad_1]
गंजमुरादाबाद। ईंट भट्ठों से धुएं के साथ निकलने वाली सल्फर डाई आक्साइड गैस से आम की फसल में कोयलिया रोग लगने का खतरा बढ़ गया है।
विकासखंड क्षेत्र में संचालित ईंट भट्ठों से सल्फर डाई आक्साइड गैस निकलती है। यह गैस आम की फसल के लिए काफी हानिकारक साबित होती है। इससे आम में कोयलिया रोग लगता है। अमिया का निचला हिस्सा दागदार होकर काला पड़ जाता है। क्षेत्र के नेवल, जगटापुर, हसनापुर, बल्लापुर, महमदाबाद, कलवारी, रूरी सादिकपुर, हैबतपुर, सुलतानपुर आदि गांवों के बागवान बिहारी, अनिल कुमार, भैया लाल, राजकुमार, परमेश्वर, हनीफ, दिनेश कुमार, सीताराम ने बताया कि हर साल कोयलिया रोग लगने से आम की फसल को भारी नुकसान होता है। इसबार भी कुछ आम के बागों में इसका असर दिखने लगा है।
सहायक विकास अधिकारी कृषि देवी सिंह ने बताया कि रोग अप्रैल और मई में लगने की आशंका होती है। बागवान रोग से बचाव के लिए बोरेक्स (सुहागा) छह से दस ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। पहला छिड़काव जब अमिया कंचे के बराबर की हो और दूसरा छिड़काव उसके 15 दिन बाद करें। इससे फसल को कोयलिया रोग से बचाया जा सकता है।
[ad_2]
Source link