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सफीपुर (उन्नाव)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मियागंज में प्रसव के बाद अधिक रक्तश्राव होने से जच्चा की मौत हो गई। परिजन जच्चा का शव और नवजात को लेकर घर जा रहे थे तभी नवजात ने भी दम तोड़ दिया। परिजनों ने ससुरालियों पर ठीक से इलाज और देखभाल न करने का आरोप लगा माखी थाने में तहरीर दी। पुलिस ने दोनों शव का पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में जच्चा की खून की कमी और नवजात की ऑक्सीजन की कमी मौत की पुष्टि हुई है।
माखी थानाक्षेत्र के बजेहरा गांव निवासी दुर्गेश की पत्नी अजोरा (20) गर्भवती थी। बुधवार रात प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे मियागंज सीएचसी लाए। रात 1:45 बजे सामान्य प्रसव से उसने बच्चे को जन्म दिया।
बृहस्पतिवार की सुबह पांच बजे प्रसूता की हालत बिगड़ गई। जिला महिला अस्पताल रेफर करने से पहले ही 5:15 बजे उसकी मौत हो गई। परिजन प्रसूता का शव और नवजात को लेकर घर जा रहे थे। अस्पताल से कुछ दूर ही पहुंचे थे तभी बच्चे की भी हालत बिगड़ गई। उसे लेकर फिर सीएचसी पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।
बेटी की मौत की सूचना पर पहुंचे मिर्जापुर जिले के देहात कालोनी क्षेत्र के मौजा टांड निवासी पिता रामजीवन ने ससुरालियों पर बेटी के साथ मारपीट करने और सही से इलाज न कराने का आरोप लगाया।
पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने जच्चा और बच्चा दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। थानाध्यक्ष रामआसरे चौधरी ने बताया कि मृतका के पिता की तहरीर पर दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मियागंज सीएचसी प्रभारी राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रसव के लगभग तीन घंटे बाद प्रसूता का ब्लड प्रेशर लो हो गया और पल्स में दिक्कत हुई थी। उसे जिला महिला अस्पताल रेफर किया गया था। लेकिन जब ले जाते उसकी मौत हो गई।
इनसेट
जीजा ने कराई थी शादी
माखी थानाक्षेत्र के कोटरा गांव निवासी अजोरा के जीजा खेमराज ने बताया कि ससुर रामजीवन के पास पैसा अधिक न होने से उसने (जीजा) अजोरा की शादी माखी थानाक्षेत्र के बजेहरा गांव निवासी दुर्गेश से मंदिर में कराई थी। पांच अप्रैल 2022 को शादी हुई। उस समय जो हैसियत थी वह दहेज भी दिया था। उसके बाद भी ससुरालीजन उसे प्रताड़ित करते थे। खेमराज के मुताबिक दो दिन पहले से अजोरा के पेट में दर्द हो रहा था। उसे डॉक्टर को दिखाया नहीं गया। हम सभी दिल्ली में थे। गर्भवती को भर्ती कराने के लिए मंगलवार को हम सभी वहां से चले थे। तभी रात में पति ने उसे भर्ती कराया था।
इनसेट
पुलिस बोली बेच दी होगी बेटी.. अब आए हो शिकायत करने
सफीपुर। महिला उत्पीड़न की शिकायतों की अनदेखी और गलत कार्रवाई पीड़ितों पर भी भारी पड़ रही है। ऐसा ही मामला अजोरा की मौत पर देखने को मिला है। बेटी की मौत होने के बाद थाने पहुंचे पिता की शिकायत पर सिपाहियों ने मदद करना को दूर पीड़ित पर बेटी को बेचने और ससुरालियों पर आरोप लगाने की बात कह अपमानित किया। पुलिस का ऐसा चेहरा ही उन्हें खलनायक बना रहा है।
पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद मृतक के पिता रामजीवन बेटी का शव देख रोता रहा। मृतका (अजोरा) के जीजा खेमराज ने बताया कि अगस्त महीने में रक्षाबंधन के दिन भी दुर्गेश ने अजोरा के साथ मारपीट की थी। उसे बेसुध हालत में कोटरा (मायके) गांव के बाहर फेंककर चले गए थे। पता चलने पर हम लोग उठाकर उसे घर लाए और माखी थाने शिकायत करने पहुंचे। कोटरा गांव के प्रधान के दबाव के चलते पुलिस ने गलती न होने के बाद भी दोनों पक्षों पर शांतिभंग में कार्रवाई कर दी। जिसमें जमानत भी करानी पड़ी थी। पुलिस ससुरालियों का साथ दे रही थी।
तभी पिता रामजीवन बोल पड़े पुलिस ने हमारी एक न सुनी। बेटी की मौत होने पर थाने शिकायत करने गए तो पुलिस ने अपमानित कर बेटी बेचने का आरोप लगा दिया। कहा कि अब मर गई है तो आए हो आरोप लगाने…।
माखी थानाध्यक्ष रामआसरे चौधरी ने बताया कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। किसी के बहकावे में आकर उसने झूठा आरोप लगाया है।
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