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उन्नाव। सिविल लाइन बंदूहार मोहल्ले में घर के अंदर रविवार रात हुई महिला की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया। मृतका के बेटे और बेटी ने ही उसकी चाकू से गोदकर हत्या की थी। बेटा महिला के पहले पति से और बेटी तीसरे पति की संतान है। दोनों में पहले बोलचाल नहीं थी लेकिन दो साल से काफी नजदीकी थी और शादी करना चाहते थे। लेकिन मां इस रिश्ते के खिलाफ थी और बेटी की दूसरी जगह शादी तय की थी। दोनों ने योजना बनाकर मां की हत्या कर दी।
सदर कोतवाली के बंदूहार मोहल्ला निवासी सेवानिवृत्त फार्मासिस्ट जयप्रकाश बहादुर के मकान में चार महीने से किराए पर रह रही शशी (41) का खून से लतपथ शव मिला था। साथ रहने वाली उसकी 20 वर्षीय बेटी पूजा लापता थी। रविवार रात एक युवक भी उनके यहां देखा गया था। वह भी घटना के बाद से लापता था। मकान मालिक से तहरीर लेकर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर तफ्तीश शुरू की।
घटना का खुलासा करते हुए सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने बताया कि घटना स्थल के पास एक घर से मिले सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में युवक और युवती (सौतेले भाई-बहन) एक साथ जाते दिखे थे। पुलिस सर्विलांस की मदद से उन तक पहुंच गई। दोनों दिल्ली भागने की फिराक में थे, वह दोनों अपनी योजना में सफल होते इससे पहले ही पुलिस ने दबोच लिया। कोतवाली प्रभारी राजेश पाठक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में एक साथ दिखे मृतका के साथ रहने वाली तीसरे पति रज्जन सिंह की बेटी पूजा और मृतका के दूसरे पति अजगैन के लालपुर गांव निवासी परशुराम से जन्मे बेटे शिवम की तलाश में जुटी पुलिस ने दोनों को पूरन नगर स्थित एक स्कूल के पास से मृतका के जेवर, नकदी व अन्य सामान सहित गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि दोनों एक-दूसरे को चाहते हैं और शादी करना चाहते थे। लेकिन मां शशी इसमें बाधक थीं। उन्हें रास्ते से हटाने के लिए दोनों ने उनकी हत्या की योजना बनाई। हत्यारोपी शिवम के मुताबिक मां शराब की लती थी। रविवार रात उसे मीट खिलाया और शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गई तो चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी। इसमें पूजा ने भी साथ दिया। मां के मुंह से चीख न निकले इसलिए उसने उनका मुंह दबा रखा था। बाद में उसने भी सीने में ताबड़तोड़ चार बार चाकू से वार किया था। पुलिस ने हत्यारोपी भाई-बहन को न्यायालय में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।
हत्यारोपी शिवम ने बताया कि वह पूजा से प्यार करता था। मां शशी को इसकी जानकारी थी, इसके बाद भी पूजा की शादी सफीपुर निवासी मनोज नाम के युवक से तय कर दी थी। मां ने दस दिन पहले पूजा की गोदभराई भी कर दी थी। तभी से दोनों ने मां को रास्ते से हटाने की योजना बनानी शुरू कर दी थी। रविवार शाम शशी, पूजा और शिवम के साथ खरीदारी करने गई थी। वहां से शराब, मीट और कपड़े खरीदकर लाई थी। सभी ने रात में साथ मिलकर पार्टी भी की थी।
हत्यारोपी शिवम कानपुर के एक होटल में काम करता था। हत्या करने की योजना पहले से तय होने वह चाकू अपने साथ लेकर आया था। मौका मिलते ही इसी चाकू से मां की हत्या की और वह किसी भी सूरज में न बचे इसके लिए तकिया से मुंह भी दबाया।
बेटी की शादी में कोई दिक्कत न आए इसलिए शीशी सिंह निजी अस्पताल में काम करने के साथ सहेली ममता के साथ शादी बारातों में कैटरिंग का भी काम करने जाती थी। ताकि वह अधिक से अधिक पैसे कमा सके और धूमधाम से बेटी का विवाह करे। लेकिन उसे क्या पता था कि जिस बेटी के हाथ पीले करने के अरमान संजोए वह दिन रात मेहनत कर रही है, वही बेटी उसकी जान की दुश्मन बन जाएगी।
हत्या करने के बाद भाग रहे आरोपी शिवम ने रास्ते में लाल रंग का गुलाल खरीदकर पूजा की मांग भर दी थी। ताकि रास्ते में कहीं पुलिस उन्हें रोकर पूछताछ न करे। योजना थी कि अगर कोई पूछेगा तो बताएंगे कि त्योहार पर अपने घर जा रहे हैं।
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