Unnao News: Copy – पहले लातों से पीटा, फिर पैर से गला दबाकर मार डाला

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फोटो-16- पत्नी का हत्यारोपी पति रामलखन।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई सनकी पति की क्रूरता

सिर, सीने व गले पर तीन गंभीर चोटें, हत्यारोपी गया जेल

पत्नी की हत्या कर घर में शव दफनाने का मामला

संवाद न्यूज एजेंसी

उन्नाव। इंद्रानगर मोहल्ला निवासी संतोष कुमारी की हत्या सनकी पति ने बड़ी बेरहमी से की थी। पहले तो उसे लातों से पीटा, फिर गले पर पैर रखकर मार डाला। उसके गले, सीने पर गहरी चोटों के निशान हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से फौजी पति की क्रूरता का खुलासा हुआ है। पुलिस ने हत्यारोपी रामलखन को सलाखों के पीछे भेज दिया है।

फौजी रामलखन ने इंद्रानगर मोहल्ले में 11 मई की रात अपनी पहली पत्नी संतोष कुमारी की हत्या कर शव आंगन में गड्ढे में दफना दिया था। 17 मई को घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने हत्यारोपी पति रामलखन सिंह को ग्वालियर से गिरफ्तार किया। 18 मई को उसकी निशानदेही पर शव को गड्ढे से बरामद किया था।

शुक्रवार को गदनखेड़ा निवासी भांजी बहू आशा चौहान, पड़ोसी सीमा सिंह, दीपिका, शिवम तिवारी और भांजी बहू के अजगैन निवासी दामाद राहुल सिंह ने पंचनामा पर हस्ताक्षर किए। पैनल में शामिल अचलगंज सीएचसी के डॉ. सौरभ सचान और बांगरमऊ सीएचसी के डॉ. सागर सिंह ने वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम किया। डॉक्टर के अनुसार, मारपीट के दौरान मृतका के सीने पर पैर रखकर दबाया गया। गले की नसें जिस तरह से क्षतिग्रस्त हैं, उससे लगता है कि हमले के दौरान हत्यारोपी का पैर मृतका के सीने और गर्दन के बीच रहा होगा। सांस रुकी और मौत हो गई। यह भी हो सकता है कि जमीन पर गिराकर पहले उसका गला हाथ से दबाया हो और बाद में जीवित बचने की कोई संभावना न रहे इस लिए गर्दन को पैर से भी दबा दिया। मृतका के सिर, सीने और गले में तीन गहरी चोटें पाई गई हैं। शव सात दिन पुराना होने से हल्की चोटों की पुष्टि नहीं हो सकी। उधर हत्यारोपी पति को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

फोटो नंबर-14- मृतका के रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहायता देते समाज सेवी विमल द्विवेदी।

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नफरत ऐसी कि पत्नी की अर्थी को कांधा तक नहीं दिया

भांजी बहू के दामाद ने किया अंतिम संस्कार, समाजसेवी ने उठाया खर्च

संवाद न्यूज एजेंसी

उन्नाव। रामलखन की अपनी पहली पत्नी संतोष के प्रति नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अर्थी को कांधा देने से साफ इन्कार कर दिया। चिता को अग्नि भी नहीं दी। मृतका की भांजी बहू के दामाद ने संतोष कुमारी के शव का अंतिम संस्कार किया। शव को श्मशान घाट ले जाने और अंतिम संस्कार का खर्च समाजसेवी ने उठाया।

संतोष की भांजी बहू आशा चौहान समेत अन्य रिश्तेदारों ने पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार से जुड़ी क्रियाएं संपन्न कराईं। अंतिम संस्कार के लिए रुपये न होने से मोहल्लेवासियों ने लोगों से मदद मागी। समाजसेवी विमल द्विवेदी ने आर्थिक सहयोग किया। शुक्लागंज स्थित बालूघाट में रिश्तेदार राहुल सिंह ने चिता को अग्नि दी।

बढ़ाई गई हत्या और शव छिपाने की धारा

आशा चौहान ने 16 मई को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसी रिपोर्ट में पुलिस ने हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराएं बढ़ाईं। कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि हत्यारोपी को जेल भेज दिया गया है।

पालतू कुत्ते का पोस्टमार्टम होता तो पता चलती मौत की वजह

मृतका की भांजी बहू के मुताबिक संतोष कुमारी ने एक कुत्ता पाल रखा था। वह उनसे बहुत लगाव रखता था। 16 मई को जब वह मामी के घर गई थीं तो वहां लगा था और उनका पालतू कुत्ता गेट के बाहर मृत पड़ा था। पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन दुर्गंध से परेशान मोहल्लेवासियों की शिकायत पर नगर पालिका कर्मी कुत्ते के शव को उठा ले गए। पोस्टमार्टम कराया जाता तो उसकी मौत की भी वजह साफ होती। असल में चर्चा यह थी कि कुत्ते को जहर देकर मारा गया था।

दूसरी पत्नी और बच्चों की नहीं मिली लोकेशन

घटना के बाद हत्यारोपी की दूसरी पत्नी वंदना सिंह और उसके तीन बच्चों में आदित्य, आस्था और निष्ठा ने पिता से संपर्क तक नहीं किया। पुलिस ने उनकी लोकेशन जानने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल बंद मिला। हालांकि हत्या की दर्ज हुई रिपोर्ट में भी उनका नाम शामिल नहीं है।

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