[ad_1]
ख़बर सुनें
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में दाखिले में हुई हेराफेरी के मामले में फिर से विभागीय कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी निदेशक प्रो एसएन सिंह और काउंसिलिंग प्रभारी प्रो उमाकांत की भूमिका की नए सिरे से जांच करेगी। इस मामले की जांच अभी एसटीएफ और विभागीय कमेटी कर रही है। आयुर्वेद निदेशक प्रो एसएन सिंह और काउंसिलिंग प्रभारी प्रो उमाकांत को निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों को मेडिसिन बोर्ड से संबद्ध किया गया है।
इस बीच आयुष विभाग की ओर से इन दोनों की भूमिका की जांच के लिए अलग से कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया है। दो सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच कर इनकी भूमिका के संबंध में विभाग को रिपोर्ट देगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इसी सप्ताह जांच कमेटी के सदस्यों के नाम तय कर दिए जाएंगे।
ये भी पढ़ें – अमानवीय: युवक को बुरी तरह पीटा, मुंह पर पेशाब कर बनाया वीडियो, पुलिस ने बिना जांच पीड़ित को ही भेजा जेल
ये भी पढ़ें – यूपी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले : आईटी एवं आईटीईएस क्षेत्र में पांच हजार करोड़ का निवेश और एक लाख को रोजगार
आयुष कॉलेज के प्रबंधकों ने अपने स्टाफ पर फोड़ा ठीकरा
आयुष कॉलेजों में दाखिले में हेराफेरी मामले में संबंधित कॉलेजों के कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। एसटीएफ की पूछताछ में अब तक कई कॉलेज प्रबंधकों ने दाखिले में धांधली का ठीकरा अपने स्टाफ पर फोड़ा है।
सूत्रों ने बताया कि नोटिस पर तीन कॉलेजों के प्रबंधक बुधवार को एटीएफ मुख्यालय पहुंचे। इन लोगों ने दाखिले के संबंध में पूरी जानकारी न होने और खुद के दाखिले की प्रक्रिया में शामिल होने से इन्कार किया है। उनका कहना था कि वह खुद मामले की पड़ताल कर रहे हैं, जरूरत पड़ी तो उनके संस्थान में दाखिला लेने वाले संदिग्ध छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।
कुलदीप ही नहीं, और भी हैं किरदार
एसटीएफ हेराफेरी मामले में मास्टरमाइंड कुलदीप की तलाश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी हेराफेरी अकेले कुलदीप के बस की बात नहीं है। ऐसे में एसटीएफ उन किरदारों का भी पता लगा रही है कि जो कुलदीप की आड़ में अब तक बचे हुए हैं। वहीं, सूत्रों का यह भी कहना है कि इस सप्ताह के अंत तक मुख्यमंत्री पूरे मामले की समीक्षा कर सकते हैं।
[ad_2]
Source link