केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्ष 2024 से पहले यूपी में सड़कों का नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्रालय पांच लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं देगा। इस अभियान का शुभारंभ करते हुए उन्होंने शुक्रवार को ही यहां की आठ हजार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।
नितिन गडकरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि भारत को हमें पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, निवेश और रोजगार के बीच गहरा रिश्ता है। इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी होने पर बाकी क्षेत्रों में भी पीछे हो जाएंगे। सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका है।
उन्होंने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए कहा कि पैसों से ज्यादा जरूरी इच्छाशक्ति है। इच्छाशक्ति न होने पर सारी योजनाएं कमेटियों में फंसकर रह जाती हैं। जो शोध जमीन पर न उतर रहा हो, उस रिसर्च पेपर के कोई मायने नहीं रह जाते। उन्होंने कहा कि वेस्ट (व्यर्थ) को वेल्थ (धन) में बदलने की कला का हमें अधिकाधिक प्रयोग करना होगा। निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही हमें उसकी कीमत को घटाना होगा।
सड़क निर्माण की प्लास्टिक समेत सभी तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा, ताकि पर्यावरण के लिहाज से भी यह उचित रहे। उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि दुनिया के अन्य देशों में भी सबसे ज्यादा प्रशिक्षित युवा भारत के ही हैं। जापान के राजनेता तो यहां तक पूछते हैं कि क्या भारत के युवाओं में इंजीनियरिंग का कोई जीन है। गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने मंत्रालय का चार्ज संभाला तब हाईवे की 3.85 लाख करोड़ की 485 परियोजनाएं बंद थीं, जिन्हें पारदर्शी और समयबद्ध व्यवस्था लागू करते हुए पूरा कराया। उन्होंने कहा कि वेस्ट के निस्तारण में भी पीपीपी मॉडल काफी सफल है, जिसे अपनाया जाना चाहिए।
पेट्रोल-डीजल के वाहन चलन से बाहर करने का आह्वान गडकरी ने कहा कि पूरे देश में सड़कों का बेहतर नेटवर्क बना है। सफर का समय काफी घट गया है। ऑटो सेक्टर 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और इससे चार करोड़ रोजगार पैदा हो रहे हैं। सबसे ज्यादा जीएसटी इसी सेक्टर से आता है। लेकिन, ईंधन भी 70 लाख करोड़ रुपये का आयात करना पड़ता है। उन्होंने यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने आह्वान कि अगले पांच साल में यूपी में पेट्रोल-डीजल के वाहन समाप्त कर दो। इससे कम खर्च में पर्यावरण फ्रेंडली परिवहन उपलब्ध करवाया जा सकता है। पराली से ही काफी एथेनॉल व दूसरी चीजें पैदा हो सकती हैं, जिनका इस्तेमाल निर्माण कार्यों में हो सकता है। कहा कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और आयात पर निर्भरता भी कम होगी।
चेताया: डीपीआर बनाने में बड़ी खामियां गडकरी ने कहा कि हर साल देश में पांच लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 1.5 लाख लोगों की मौत होती हैं। परियोजनाओं की डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में अभी भी बहुत खामियां हैं। ऑडिट में एक-एक परियोजना में 50-60 तक खामियां निकल रही हैं। इसलिए हर काम में पूर्णता (परफेक्शन) लाने की आवश्यकता है। निर्माण कार्य इस तरह से होने चाहिए कि 25 साल तक मेंटेनेंस पर कोई खर्च ही न हो। इसके अलावा 1000 करोड़ रुपये की लागत के 13 आरओबी भी स्वीकृत किए हैं।
यूपी की इन परियोजनाओं को दी मंजूरी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि यूपी में एनच-731 के शाहबाद बाईपास की शुरुआत से लेकर हरदोई बाईपास के अंत तक मौजूदा सड़क के चार लेन में सुधार और उन्नयन को 1212.26 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। शाहजहांपुर और हरदोई जिलों में एनएच-731 के शाहजहांपुर बाईपास की शुरुआत से शाहबाद बाईपास की शुरुआत तक मौजूदा सड़क केचार लेन में सुधारने और उन्नयन को 947.74 करोड़ रुपये की लागत से साथ स्वीकृति दी गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में एनएच-734 खंड के मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा-काशीपुर, मुरादाबाद और काशीपुर बाईपास सहित कनेक्शन के सुधार और उन्नयन कार्या को 2006.82 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है।
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्ष 2024 से पहले यूपी में सड़कों का नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्रालय पांच लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं देगा। इस अभियान का शुभारंभ करते हुए उन्होंने शुक्रवार को ही यहां की आठ हजार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।
नितिन गडकरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि भारत को हमें पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, निवेश और रोजगार के बीच गहरा रिश्ता है। इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी होने पर बाकी क्षेत्रों में भी पीछे हो जाएंगे। सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका है।