UP : चार साल से सहायक अध्यापक के पद खाली, 2018 के बाद नहीं हुई कोई भर्ती

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शिक्षक नौकरी

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– फोटो : getty

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प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों यानी एलटी ग्रेड शिक्षक के पांच हजार से अधिक पद चार वर्षों से रिक्त पड़े हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने इन पदों पर भर्ती के लिए रिक्त पदों का अधियाचन भी मिल चुका है और अभ्यर्थियों को नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने का इंतजार है।

आयोग ने वर्ष 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक के पदों पर भर्ती की थी, जिसके बाद कोई नया विज्ञापन जारी नहीं किया गया। आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक के 5418 रिक्त पदों का अधियाचन मिल चुका है। इनमें पुरुष वर्ग के 3341 और महिला वर्ग के 2077 पद शामिल हैं। आयोग को महीनों पहले अधियाचन मिल चुका है, लेकिन समकक्ष अर्हता पर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण नई भर्ती शुरू नहीं हो पा रही है।

अर्हता पर स्थिति करने के लिए आयोग की ओर से महीनों पहले शासन को पत्र भी भेजा चुका है, लेकिन वहां से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि चार साल से राजकीय विद्यालयों में हजारों पद रिक्त होने के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में शासन और आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और अर्हता पर स्थिति स्पष्ट करने हुए जल्द ही विज्ञापन जारी करना चाहिए।

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प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों यानी एलटी ग्रेड शिक्षक के पांच हजार से अधिक पद चार वर्षों से रिक्त पड़े हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने इन पदों पर भर्ती के लिए रिक्त पदों का अधियाचन भी मिल चुका है और अभ्यर्थियों को नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने का इंतजार है।

आयोग ने वर्ष 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक के पदों पर भर्ती की थी, जिसके बाद कोई नया विज्ञापन जारी नहीं किया गया। आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक के 5418 रिक्त पदों का अधियाचन मिल चुका है। इनमें पुरुष वर्ग के 3341 और महिला वर्ग के 2077 पद शामिल हैं। आयोग को महीनों पहले अधियाचन मिल चुका है, लेकिन समकक्ष अर्हता पर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण नई भर्ती शुरू नहीं हो पा रही है।

अर्हता पर स्थिति करने के लिए आयोग की ओर से महीनों पहले शासन को पत्र भी भेजा चुका है, लेकिन वहां से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि चार साल से राजकीय विद्यालयों में हजारों पद रिक्त होने के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में शासन और आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और अर्हता पर स्थिति स्पष्ट करने हुए जल्द ही विज्ञापन जारी करना चाहिए।



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