UP: छह साल में दोगुने से ज्यादा हुए बाघ, एनटीसीए ने पीलीभीत पीटीआर को दी एक और सौगात

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व

पीलीभीत टाइगर रिजर्व
– फोटो : अमर उजाला

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बाघों के बेहतर संरक्षण और संवर्धन के दावों के बीच पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) को एक और महत्वपूर्ण सौगात मिल गई है। एनटीसीए की ओर से देश के छह टाइगर रिजर्व को बाघों के संरक्षण, रखरखाव के साथ बेहतर ढंग से प्रबंधन के लिए ‘कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स’ (सीएटीएस) का दर्जा दिया है। 

इनमें पीटीआर भी शामिल है। नई सफलता मिलने के बाद पीटीआर के अफसरों और कर्मचारियों में काफी खुशी है। जनपद के जंगल को वर्ष 2014 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। वर्ष 2014 में बाघों की संख्या मात्र 25 थी। 

टाइगर रिजर्व बनने के बाद जंगल के अनुकूल वातारण के साथ बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार काम हुए। नतीजा यह रहा कि वर्ष 2020 में बाघों की संख्या बढ़कर 65 हो गई। इस उपलब्धि के लिए पूरे विश्व में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की चर्चा हुई।   

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                                                                                                                                                                                                                    संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता के प्रमुख मिस मिंडोरी पैक्सटन की ओर से नवंबर 2020 को पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर का टाइगर एक्स टू अवार्ड दिया गया था। इस अवार्ड की खास बात यह थी कि विश्व के 13 ऐसे देश हैं, जहां बाघ पाए जाते हैं। 

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