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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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कमर दर्द, घुटनों के दर्द, शरीर दर्द, सिर दर्द सरीखे तमाम दर्दों से छुटकारा पाने के लिए बिना सोचे-विचारे दर्दनाशक दवाएं ले रहे लोगों के गुर्दे खराब हो रहे हैं। पेशाब में जलन, कम पेशाब होना, चेहरे और पैरों में सूजन जैसे लक्षण उभरते हैं तो रोगी अस्पताल आते और जांच कराते हैं। तब पता चल रहा है कि दर्दनाशक सॉल्ट के सेवन गुर्दों की शामत आ गई है।
कानपुर किडनी फाउंडेशन इस तरह के रोगियों के सैंपल सर्वे में पाया कि गुर्दा खराबी के कुल रोगियों में 11 से 12 फीसदी रोगियों को पेन किलर के कारण दिक्कत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि दर्द से राहत के लिए रोगी महीनों, वर्षों दर्दनाशक दवाएं बिना सोचे-समझे खाते हैं। इससे दिक्कत आती है। फाउंडेशन के संयोजक वरिष्ठ गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके सिन्हा का कहना है कि इनमें भी दो तरह के रोगी होते हैं।
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