UP: देवबंद तक पहुंचा ज्ञानवापी का मुद्दा, अधिवेशन में एकत्र हुए देशभर के उलमा

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देश विदेश की मीडिया की सुर्खियां बनी ज्ञानवापी को लेकर मंदिर मस्जिद की लड़ाई अब उत्तर प्रदेश के देवबंद तक पहुंच गई है। देश में विभिन्न धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ रहे विवाद, कॉमन सिविल कोड और मुल्क के वर्तमान हालात को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद का दो दिवसीय इजलास ईदगाह के मैदान में शनिवार से शुरू हो गया। इजलास में देश के कोने-कोने से करीब चार हजार से अधिक प्रमुख उलमा शिरकत कर अहम मुद्दों पर चर्चा करने पहुंचे हैं। इस अधिवेशन के दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। अधिवेशन में देशभर के दिग्गज उलेमा और गवर्निंग बॉडी के सदस्य देशव्यापी प्रमुख समस्याओं को लेकर मंथन कर रहे हैं। 

ईदगाह मैदान के बीचों बीच तकरीबन पांच हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले पंडाल के नीचे यह अधिवेशन चल रहा है। जिसमें 24 से अधिक एसी लगाए गए हैं। संगठन के जिला महासचिव जहीन अहमद ने बताया कि इजलास जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है, जो तीन चरणों में संपन्न किया जाएगा। वहीं, कार्यक्रम को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है।

अधिवेशन के पहले दिन जमीयत उलमा-ए-हिंद के दो दिवसीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमें मायूस होने की जरूरत नहीं है, देश हमारा है और हमारे बुजुर्गों ने इस देश को आजाद कराने में मुख्य भूमिका निभाई है। देश में नफरत का कारोबार करने वालों की दुकानें ज्यादा दिन चलने वाली नहीं हैं।

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कहा कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से ही नफरत को हराया जा सकता है। कहा कि हमें उकसाया जा रहा है। हमारे ही देश में हमें अजनबी बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश रहना कोई मुसलमान से सीखे। देश में नफरत का बाजार सजाया जा रहा है। ये सब्र का इम्तिहान है। उन्होंने कहा कि सरकारें आने-जाने वाली चीज है, लेकिन देश को जोड़ने वाले और मजबूत करने वाले ही इस देश की ताकत है। 

 

ईदगाह के विशाल मैदान में आयोजित सम्मेलन के पहले चरण में अध्यक्षीय भाषण में मौलाना महमूद मदनी ने इशारों इशारों में सरकार और आरएसएस पर हमला बोला। कहा कि एकता और अखंड भारत की बात करने वाले वर्ग विशेष को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है। सभी लोग राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र को मजबूत करने की बात करते हैं लेकिन नफरत के मुद्दे पर खामोश रहते हैं।

कहा कि नफरत की दुकान खोलने वाले और नफरत का बाजार सजाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं। नफरत का जवाब कभी नफरत नहीं हो सकता, हम नफरत का जवाब मोहब्बत से देने वाले लोग हैं। देश में फैल रही नफरत को मोहब्बत से बचाने की जरूरत है। मौलाना मदनी ने कहा कि हम नफरत का जवाब नफरत से दे सकते हैं, लेकिन देश का मुसलमान कभी ऐसा नहीं करेगा।

 

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