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बिजनौर के कालागढ़ क्षेत्र में गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश शनिवार तक जारी रही। बारिश से मौसमी नदी नालों में उफान आ गया। ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप रही। बारिश से मौसम सुहावना बना हुआ है। बारिश के कारण भिक्कावाला क्षेत्र में अनेक स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई। शिवालिक पर्वतों से होकर बहने वाली मौसमी नदियों व नालों में उफान आ गया। धारा सोत, सूखा सोत, मीरा सोत, गौजपानी सोत, मैग्जीन सोत, चौड़ा सोत आदि में खूब पानी चला। पहाड़ों से बांध के जलाशय में पानी आ रहा है। बारिश से मौसम ठंडा हो गया है। किसानों ने बारिश को फसलों के लिए वरदान बताया है। हालांकि धान की फसल के लिए बारिश नुकसानदायक साबित होगी।
मौसम में बदलाव से एक बार फिर तापमान में काफी गिरावट आई है। मेरठ, बागपत और बिजनौर में बूंदा-बांदी हुई तो मुजफ्फरनगर में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के कारण धान की फसल को नुकसान हो रहा है, किसानों ने फसल की कटाई रोक दी है।
मेरठ के मोदीपुरम स्थित कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का कहना है कि उत्तराखंड, पश्चिमी मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर नम हवाओं के असर के साथ ही चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसकी वजह से 11 अक्तूबर तक भारी वर्षा होने का अनुमान है।
मुजफ्फरनगर जनपद में शुक्रवार देर शाम तक 17.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बुढ़ाना और जानसठ तहसील के अभ्यर्थियों की अग्निवीर भर्ती रैली बारिश के कारण करीब छह घंटे देरी से शुरू हुई। सहारनपुर में बारिश के कारण बरसाती नदी-नालों में उफान आ गया। शामली में सुबह से आसमान में बादल छाए रहे और ठंडी हवा चलती रही। शाम को हल्की बूंदाबांदी भी हुई। बागपत में भी बूंदा-बांदी हुई है।
धान की फसल को हो सकता है नुकसान
आईआईएफएसआर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष का कहना है कि इस समय बारिश की जरूरत नहीं होती है। जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में बारिश की ज्यादा जरूरत होती है। अब बारिश होने से धान की फसल को ज्यादा नुकसान हो सकता है। आने वाले दिनों मे मौसम और भी ठंडा होगा और रात का तापमान गिरेगा।
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