UP: मायावती ने भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, कहा-बेहतरीन संविधान देकर देश-दुनिया में भारत का नाम किया रौशन

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मायावती ने भीमराव अंबेडकर को पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की

मायावती ने भीमराव अंबेडकर को पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की
– फोटो : एएनआई

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पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में आज भीमराव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने पार्टी के संस्थापक कांशीराम को भी श्रद्धांजलि दी।

मंगलवार की सुबह मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश को पूर्ण जनहितैषी, कल्याणकारी व समतामूलक संविधान देकर धन्य करने वाले परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनके परिनिर्वाण दिवस पर शत्-शत् नमन। उन्होंने हर मामले में बेहतरीन संविधान देकर भारत का नाम देश-दुनिया में जो रौशन किया है वह अनमोल। देश उनका सदा आभारी।
 

उन्होंने लिखा कि देश की सरकारें काश उस संविधान के पवित्र उसूलों के तहत कार्य करती तो यहां करोड़ों गरीब और मेहनतकशों को काफी मुसीबतों से कुछ मुक्ति मिल गई होती। संविधान के आदर्श को ज़मीनी हकीकत में बदलकर लोगों के अच्छे दिन लाने की ज़िम्मेदारी में विमुखता व विफलता दुखद, चिन्तनीय।

मायावती ने लिखा कि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर का नाम आते ही संवैधानिक हक के तहत लोगों के हित, कल्याण, उनके जान-माल-मज़हब की सुरक्षा तथा आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने की गारंटी की याद आती है। अतः रोज़ी-रोटी, न्याय, सुख-शान्ति व समृद्धि से वंचित लोगों की सही चिन्ता ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि।

विस्तार

पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में आज भीमराव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने पार्टी के संस्थापक कांशीराम को भी श्रद्धांजलि दी।

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मंगलवार की सुबह मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश को पूर्ण जनहितैषी, कल्याणकारी व समतामूलक संविधान देकर धन्य करने वाले परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनके परिनिर्वाण दिवस पर शत्-शत् नमन। उन्होंने हर मामले में बेहतरीन संविधान देकर भारत का नाम देश-दुनिया में जो रौशन किया है वह अनमोल। देश उनका सदा आभारी।

 

उन्होंने लिखा कि देश की सरकारें काश उस संविधान के पवित्र उसूलों के तहत कार्य करती तो यहां करोड़ों गरीब और मेहनतकशों को काफी मुसीबतों से कुछ मुक्ति मिल गई होती। संविधान के आदर्श को ज़मीनी हकीकत में बदलकर लोगों के अच्छे दिन लाने की ज़िम्मेदारी में विमुखता व विफलता दुखद, चिन्तनीय।

मायावती ने लिखा कि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर का नाम आते ही संवैधानिक हक के तहत लोगों के हित, कल्याण, उनके जान-माल-मज़हब की सुरक्षा तथा आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने की गारंटी की याद आती है। अतः रोज़ी-रोटी, न्याय, सुख-शान्ति व समृद्धि से वंचित लोगों की सही चिन्ता ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि।



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