मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा उपचुनाव का एलान कर दिया गया है। खतौली विधानसभा चुनाव पांच दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी। चुनाव प्रक्रिया 10 दिसंबर से पहले पूरी करनी होगी। इस विधानसभा सीट से विधायक विक्रम सिंह की सदस्यता रद्द हुई थी। जिसके बाद से क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई। अब इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं।
खतौली से दूसरी बार भाजपा के विधायक चुने गए विक्रम सैनी की सदस्यता आखिरकार समाप्त कर दी गई। दूसरी पारी में वह सिर्फ सात महीने विधायक रहे। नौ साल पहले अपने गांव कवाल के झगड़े में पुलिस ने विक्रम सैनी को बलकटी के साथ गिरफ्तार किया था।
एक तरफ विक्रम सैनी की सदस्यता चली गई तो दूसरी तरफ सियासी आस्तीनें भी चढ़ने लगी हैं। सैनी की रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह पर की गई टिप्पणी के बाद रालोद नेताओं ने खतौली में डेरा जमा लिया है, यहां 15 नवंबर को रालोद अध्यक्ष का रोड शो है। यही नहीं भाजपा नेता भी पूरे मामले पर निगाह रखे हुए हैं।
जिले में पहले भी हुए हैं उप चुनाव जिले में पहले भी उप चुनाव हुए हैं। रालोद में लंबे समय तक सक्रिय रही पूर्व मंत्री अनुराधा चौधरी के सांसद बन जाने पर खाली हुई बघरा सीट पर उपचुनाव कराया गया था, तब परमजीत मलिक विधायक बने थे। पूर्व मंत्री चितरंजन स्वरूप के निधन के बाद सदर सीट पर भाजपा से कपिल देव अग्रवाल चुनाव जीते थे। मोरना सीट पर उप चुनाव में मिथलेश पाल ने जीत दर्ज की थी। यह सीट कादिर राना के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई थी।
कवाल के बवाल में गई विक्रम सैनी की कुर्सी कवाल कांड के बाद गांव में तनाव का माहौल था। 29 अगस्त 2013 को दोपहर 12 बजे दोनों समुदाय के लोग आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए एक-दूसरे के सामने आ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। लाठी डंडे और अवैध हथियारों से हमला किया। पुलिस ने दोनों पक्षों के 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 15 आरोपी दोषमुक्त हो गए। मुकदमे के ट्रायल के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गई थी। कवाल के बवाल में विधायक विक्रम सैनी को आखिरकार कुर्सी गंवानी पड़ी।
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मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा उपचुनाव का एलान कर दिया गया है। खतौली विधानसभा चुनाव पांच दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी। चुनाव प्रक्रिया 10 दिसंबर से पहले पूरी करनी होगी। इस विधानसभा सीट से विधायक विक्रम सिंह की सदस्यता रद्द हुई थी। जिसके बाद से क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई। अब इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं।
खतौली से दूसरी बार भाजपा के विधायक चुने गए विक्रम सैनी की सदस्यता आखिरकार समाप्त कर दी गई। दूसरी पारी में वह सिर्फ सात महीने विधायक रहे। नौ साल पहले अपने गांव कवाल के झगड़े में पुलिस ने विक्रम सैनी को बलकटी के साथ गिरफ्तार किया था।