UP: विकास दुबे के भाई-बहनोई को गैंगस्टर में पांच-पांच साल की सजा, इसलिए केस से हटा विकास व अविनाश दुबे का नाम

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विकास दुबे (फाइल फोटो)

विकास दुबे (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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कानपुर देहात में शिवली पुलिस ने 21 साल पहले विकास दुबे व उसके दो भाइयों व बहनोई के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की थी। इस मामले में अदालत ने विकास के भाई दीपू दुबे व बहनोई दिनेश तिवारी को गुरुवार को दोषसिद्ध करते हुए पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर अर्थदंड भी लगाया है।

सुनवाई के दौरान विकास दुबे व अविनाश दुबे की मौत होने के कारण दोनों का नाम हटा दिया गया था। विशेष लोक अभियोजक अमर सिंह भदौरिया ने बताया कि शिवली पुलिस ने बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के खिलाफ थाने में दर्ज हत्या, लूट व मारपीट के चार मामलों व भाई अविनाश व दीपू के खिलाफ लूट व हत्या, मारपीट के तीन मामलों व बहनोई बसेन निवास दिनेश तिवारी के खिलाफ दर्ज हत्या के एक मामले के आधार पर 2001 में गैंगस्टर की कार्यवाही की थी।

मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम बाकर शमीम रिजवी की अदालत में चल रही थी। मामले में सभी आरोपियों को अदालत से जमानत मिल गई थी। सुनवाई के दौरान आरोपी विकास दुबे व अविनाश दुबे की मौत हो जाने पर उनका नाम अलग कर दिया गया था। बाकी आरोपियों की सुनवाई चल रही थी। मामले में आरोपी दीपू दुबे वर्तमान में एक मामले में लखनऊ जेल में बंद हैं।

गुरुवार को अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दिनेश तिवारी व दीपू दुबे को दोष सिद्ध करते हुए पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। साथ ही आदेश की एक प्रति के साथ दोषसिद्ध अधिपत्र लखनऊ जेल भेजने के आदेश दिए हैं।

विवेचक की मृत्यु हो जाने से दर्ज नहीं हुए थे बयान
मामले में सुनवाई दौरान अदालत में विवेचक की मृत्यु संबंधी रिपोर्ट पेश की गई थी। इससे विवेचक के न तो अदालत में बयान दर्ज हुए और न ही बचाव पक्ष को विवेचना के संबंध में जिरह का मौका मिला। दोषी दिनेश तिवारी के अधिवक्ता सीपी शुक्ला ने बताया कि इस तथ्य को अदालत में रखा गया था, लेकिन अदालत ने इसे नजरअंदाज कर सजा सुनाई। अब इन तथ्यों को हाईकोर्ट के सामने रखते हुए सजा के खिलाफ अपील दाखिल कर जमानत की मांग करेंगे।

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कानपुर देहात में शिवली पुलिस ने 21 साल पहले विकास दुबे व उसके दो भाइयों व बहनोई के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की थी। इस मामले में अदालत ने विकास के भाई दीपू दुबे व बहनोई दिनेश तिवारी को गुरुवार को दोषसिद्ध करते हुए पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर अर्थदंड भी लगाया है।

सुनवाई के दौरान विकास दुबे व अविनाश दुबे की मौत होने के कारण दोनों का नाम हटा दिया गया था। विशेष लोक अभियोजक अमर सिंह भदौरिया ने बताया कि शिवली पुलिस ने बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के खिलाफ थाने में दर्ज हत्या, लूट व मारपीट के चार मामलों व भाई अविनाश व दीपू के खिलाफ लूट व हत्या, मारपीट के तीन मामलों व बहनोई बसेन निवास दिनेश तिवारी के खिलाफ दर्ज हत्या के एक मामले के आधार पर 2001 में गैंगस्टर की कार्यवाही की थी।

मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम बाकर शमीम रिजवी की अदालत में चल रही थी। मामले में सभी आरोपियों को अदालत से जमानत मिल गई थी। सुनवाई के दौरान आरोपी विकास दुबे व अविनाश दुबे की मौत हो जाने पर उनका नाम अलग कर दिया गया था। बाकी आरोपियों की सुनवाई चल रही थी। मामले में आरोपी दीपू दुबे वर्तमान में एक मामले में लखनऊ जेल में बंद हैं।



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