UP : सेना में लेफ्टिनेंट बने प्रयागराज के पुष्पेंद्र, पहले बाबा फिर पिता अब बेटा भी करेगा देश सेवा

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Prayagraj

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– फोटो : अमर उजाला

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संगम नगरी के पुष्पेंद्र सिंह ऑफीसर्स ट्रेंनिंग एकेडमी गया से पास आउट होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। अबूबकर पुर प्रीतम नगर निवासी पुष्पेंद्र अपने परिवार की तीसरी ऐसी पीढ़ी है जो अब भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देंगे। उनके पिता उपेंद्र सिंह एयरफोर्स अंडमान निकोबार में वारंट आफिसर के पद पर तैनात हैं।

पुष्पेंद्र के दादा सूबेदार मेजर विजय नारायण सिंह भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गत 10 दिसंबर को गया में आयोजित पासिंग आउट परेड में पुष्पेंद्र के पिता उपेंद्र सिंह और मां प्रतिमा सिंह ने भी शिरकत की थी। फिलहाल पुष्पेंद्र माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद लेने के लिए जम्मू गए हुए हैं। फोन पर हुई बातचीत में पुष्पेंद्र ने बताया कि उनकी बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी।

कहा कि वह सेना में जाएं इसके लिए उनकी मां प्रतिमा ने भी उनका खासा ध्यान रखा यहां तक कि उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। बी टेक कर चुके 22 वर्षीय पुष्पेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को ही दिया।

पुष्पेंद्र ने बताया कि उन का छोटा भाई ज्ञानेंद्र भी इंजीनियरिंग का छात्र है। कहां कि वर्ष 2018 में एसएसबी के माध्यम से उनका चयन हुआ। तब मेरिट के आधार पर कुल 90 लोग बुलाए गए थे। 4 वर्ष की ट्रेनिंग के बाद कुल 67 कैडेट पासिंग आउट परेड में शामिल हुए।

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संगम नगरी के पुष्पेंद्र सिंह ऑफीसर्स ट्रेंनिंग एकेडमी गया से पास आउट होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। अबूबकर पुर प्रीतम नगर निवासी पुष्पेंद्र अपने परिवार की तीसरी ऐसी पीढ़ी है जो अब भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देंगे। उनके पिता उपेंद्र सिंह एयरफोर्स अंडमान निकोबार में वारंट आफिसर के पद पर तैनात हैं।

पुष्पेंद्र के दादा सूबेदार मेजर विजय नारायण सिंह भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गत 10 दिसंबर को गया में आयोजित पासिंग आउट परेड में पुष्पेंद्र के पिता उपेंद्र सिंह और मां प्रतिमा सिंह ने भी शिरकत की थी। फिलहाल पुष्पेंद्र माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद लेने के लिए जम्मू गए हुए हैं। फोन पर हुई बातचीत में पुष्पेंद्र ने बताया कि उनकी बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी।

कहा कि वह सेना में जाएं इसके लिए उनकी मां प्रतिमा ने भी उनका खासा ध्यान रखा यहां तक कि उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। बी टेक कर चुके 22 वर्षीय पुष्पेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को ही दिया।

पुष्पेंद्र ने बताया कि उन का छोटा भाई ज्ञानेंद्र भी इंजीनियरिंग का छात्र है। कहां कि वर्ष 2018 में एसएसबी के माध्यम से उनका चयन हुआ। तब मेरिट के आधार पर कुल 90 लोग बुलाए गए थे। 4 वर्ष की ट्रेनिंग के बाद कुल 67 कैडेट पासिंग आउट परेड में शामिल हुए।



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